इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड ने विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया था। अब लैपिड ने एक इंटरव्यू में कहा है कि इस फिल्म के खिलाफ बोलना आसान नहीं था। लैपिड ने कहा जब उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखी, तब वे इस बात से हैरान हो गए थे कि ये फिल्म सरकारी एजेंडे को कितने अच्छे से फॉलो करती है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर इस तरह की फिल्म आने वाले सालों में इजराइल में भी बनती है, तो आश्चर्य नहीं होगा।
लैपिड ने कहा, ‘मुझे पता था कि यह फिल्म एक ऐसी घटना पर आधारित है, जो देश से जुड़ी हुई है। इसके बावजूद सबके सामने सच कहना आसान नहीं था, क्योंकि मैं, वहां पर गेस्ट था। वहां मौजूद हर शख्स मेरे साथ अच्छा व्यवहार कर रहा था। ऐसे में जब मैं ये कहने जा रहा था, तब मेरे मन में एक बेचैनी थी। मुझे नहीं पता था कि इसके डाइमेंशन्स क्या होंगे। इसलिए मैंने डरते हुए अपनी बात कही।’
लैपिड ने आगे कहा, ‘जब मैंने ये फिल्म देखी, तब मैं इसकी तुलना इजराइल से करने लगा। हालांकि, वहां ऐसा कुछ नहीं होता है, लेकिन ऐसा हो भी सकता है। इसलिए मुझे लगा कि इसके खिलाफ बोलना जरूरी है, क्योंकि मैं एक ऐसी जगह से आया हूं, जहां खुद में सुधार नहीं हुआ है।’
इस विवाद के बाद फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने सबको एक खुला चैलेंज दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स का एक डायलॉग या एक भी सीन झूठा निकला तो वो फिल्में बनाना छोड़ देंगे। विवेक ने इस बारे में आगे बात करते हुए कहा, ‘700 लोगों के पर्सनल इन्टरव्यूज के बाद ये फिल्म बनी है। क्या वो 700 लोग, जिनके मां-बाप भाई-बहनों को सरेआम काट दिया गया। गैंग रेप किया गया। दो टुकड़ों में बांट दिया गया। क्या वो सब लोग प्रोपेगैंडा और वल्गर श्लील बातें कर रहे थे? यासीन मलिक अपने टेरर के जुल्मों को कबूल करके जेल में सड़ रहा है, क्या ये प्रोपेगैंडा और वल्गर बात है?
दरअसल लैपिड ने 2 दिन पहले गोवा में हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के समापन पर कहा था, ‘द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। ये फिल्म हमें वल्गर और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी। इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है।’
लैपिड ने आगे कहा था, ‘मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसलिए शेयर कर सकता हूं, क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं। इस फेस्टिवल में हमने डेब्यू कॉम्पिटिशन में 7 फिल्में देखीं और इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में 15 फिल्में देखीं। इसमें से 14 फिल्म सिनेमैटिक फीचर्स वाली थीं। 15वीं फिल्म द कश्मीर फाइल्स हम सभी को परेशान और हैरान करने वाली थी।’
फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ भारत में रिलीज होने वाली सबसे सफल पोस्ट-पैंडेमिक फिल्मों में से एक थी। ये फिल्म इसी साल 11 मार्च को रिलीज हुई थी, जो साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के कश्मीर घाटी से पलायन पर आधारित है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 330 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की थी। इस फिल्म में अनुपम खेर, पल्लवी जोशी और मिथुन चक्रवर्ती जैसे स्टार्स ने लीड रोल निभाया है।