प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार का वीडियो इन दिनों सुर्खियों में है। वे पत्नी के साथ स्टेज पर माउथ ऑर्गन बजाते दिख रहे हैं। मंत्री स्टेज पर माउथ ऑर्गन पर ‘लकड़ी की काठी, काठी पे घोड़ा…’ की धुन बजा रहे हैं। मौका था उनकी छोटी बेटी हंसा की हल्दी की रस्म का।
68 साल के डॉ. वीरेंद्र कुमार टीकमगढ़ से सांसद हैं। बेटी के हल्दी फंक्शन पर दिल्ली में उनके आवास पर गीत-संगीत का कार्यक्रम हुआ। इसी दौरान वे भी पत्नी कमल खटीक के साथ स्टेज पर पहुंचे। माउथ ऑर्गन को होठों पर घुमाकर धुन बजाने लगे।
डॉ. वीरेंद्र कुमार के पिता अमर सिंह की सागर में पंक्चर की दुकान थी। वीरेंद्र ने भी पिता के साथ पंक्चर सुधारना सीखा। पहली बार मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने से पहले डॉ. वीरेंद्र कुमार की पंक्चर सुधारते हुए फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई थी। जब वे पहली बार केंद्र सरकार में महिला बाल विकास विभाग के राज्यमंत्री बनकर आए, तो उन्होंने मंच से इसका जिक्र भी किया था। 15 सितंबर 2011 को टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ क्षेत्र के बसनेरा गांव में दौरे के वक्त एक युवक अपनी साइकिल का पंक्चर सुधार रहा था। डॉ. वीरेंद्र उसके पास पहुंचे। उसे पंक्चर सुधारना बताने लगे।
डॉ. वीरेंद्र कुमार बुंदेलखंड की सागर लोकसभा सीट से चार बार सांसद रहे। सागर लोकसभा क्षेत्र अनारक्षित हुआ। खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से अलग होकर टीकमगढ़ नया संसदीय क्षेत्र बना तो डॉ. वीरेंद्र कुमार यहां से चुनाव लड़े और रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचे।
सागर के पूर्व और टीकमगढ़ के मौजूदा सांसद डॉ. वीरेंद्र कुमार अपनी सादगी और सीधेपन के लिए जाने जाते हैं। बजाज के पुराने हरे रंग के स्कूटर पर सफेद कुर्ता पायजामे पर वे शहर की गलियों में यूं ही घूमते देखे जाते रहे हैं।
सागर संसदीय सीट से 1996 में 11वीं लोकसभा का चुनाव उन्होंने पहली बार जीता था। इसके बाद 12वीं, 13वीं और 14वीं लोकसभा में सागर से प्रतिनिधित्व किया।
लोकसभा सीट के नए परिसीमन के बाद टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर भी जीत का सिलसिला जारी रहा। यहां से 15वीं, 16वीं और अब 17वीं लोकसभा में वे इसी सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में उन्होंने जनता दरबार की शुरुआत की और इसी से उन्हें प्रसिद्धि मिली। प्रदेश के वनमंत्री गौरीशंकर शेजवार उनके जीजा हैं।
बजाज के पुराने हरे रंग के स्कूटर पर सफेद कुर्ता पायजामे पर वीरेंद्र खटीक शहर की गलियों में यूं ही घूमते दिख जाते हैं। वे 7 बार से लगातार सांसद हैं।
बजाज के पुराने हरे रंग के स्कूटर पर सफेद कुर्ता पायजामे पर वीरेंद्र खटीक शहर की गलियों में यूं ही घूमते दिख जाते हैं। वे 7 बार से लगातार सांसद हैं।
सब्जी खरीदना, ऑटो से अकेले सफर करना आदत
डॉ. वीरेंद्र अक्सर सादगी को लेकर चर्चा में रहते हैं। हाट बाजार में सब्जी खरीदते, पंक्चर सुधारते और बिना सुरक्षाकर्मी के अकेले ऑटो में सफर करते हुए उनकी तस्वीरें अक्सर दिख जाती हैं। कई बार तो वे अपने पुराने स्कूटर पर सागर में घूमते नजर आते हैं। केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनने से पहले कलेक्टर कार्यालय, एसडीएम और तहसील कार्यालयों में पेड़ के नीचे लगने वाली चौपालें भी जनसमस्या निवारण का जरिया हुआ करती थीं।
सांसद खटीक संघ, अभाविप, विहिप और भाजपा में विभिन्न पदों पर रहे। 5th क्लास से लेकर सागर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने साइकिल रिपेयरिंग का काम किया।
जेपी आंदोलन के दौरान 16 महीने जेल काट चुके हैं। दलित समाज से आते हैं। अर्थशास्त्र में एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी की है।