चीन में कोरोना संक्रमण फिर बढ़ने लगा है। गुरुवार को 31,454 नए केस मिले। कोरोना काल में ये सबसे ज्यादा है। इससे पहले सबसे ज्यादा 28, 000 मामले इसी अप्रैल में मिले थे। नेशनल हेल्थ ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक महामारी की शुरुआत के बाद से चीन के रोजाना औसत मामले रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच चुके हैं।
इस बीच मामले बढ़ने की आड़ में चीनी प्रशासन ने झेंगझाउ और उसके आसपास के 8 जिलों के 66 लाख की आबादी को लॉकडाउन लगाकर कैद कर दिया है। इस आदेश से पहले इस क्षेत्र की 2 लाख की आबादी डेढ़ महीने से लॉकडाउन में है। नया आदेश शुक्रवार से लागू हुआ।
मामलों में उछाल चीन के लिए बेहद नाजुक वक्त है, क्योंकि नेताओं को यह तय करना है कि क्या वायरस के प्रसार को सहन किया जाए, ताकि हर्ड इम्युनिटी आ सके। या अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले सख्त प्रतिबंध फिर से लागू किए जाएं।
आईफोन फैक्ट्री में प्रदर्शन
लॉकडाउन वाले क्षेत्र में आईफोन सिटी भी शामिल है, जहां एक दिन पहले आइसोलेशन नीतियों और बदतर कामकाजी हालात को लेकर बगावत हुई थी। कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किया था। यहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई थी। विरोध के सुर एप्पल कर्मचारियों के अलावा आसपास की अन्य फैक्ट्रियों में भी उठे थे।
झेंगझाउ अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर टेस्ट कराए जाने का आदेश देकर आईफोन सिटी समेत आसपास के शहरों में विरोध को काबू करने की कोशिश की। आदेश में यह भी कहा गया है कि लोग तब तक अपना क्षेत्र नहीं छोड़ सकते जब तक कि उनके पास कोरोना निगेटिव रिपोर्ट न आ जाए और स्थानीय अधिकारियों की मंजूरी न हो। वह घर से बाहर भी नहीं निकल सकते।
बीजिंग से लेकर चोंगकिंग और ग्वांगझू तक के प्रमुख शहरों में मामलों में काफी हद तक स्थिरता है, क्योंकि संक्रमण अपार्टमेंट, ऑफिस और शॉपिंग सेंटर में फैलकर सीमित है। शहर एक बार फिर अपने टेस्ट बढ़ा रहे हैं। वहीं, नए अस्थाई अस्पताल बनाने का काम तेज कर दिया गया है।
बीजिंग से लेकर चोंगकिंग और ग्वांगझू तक के प्रमुख शहरों में मामलों में काफी हद तक स्थिरता है, क्योंकि संक्रमण अपार्टमेंट, ऑफिस और शॉपिंग सेंटर में फैलकर सीमित है। शहर एक बार फिर अपने टेस्ट बढ़ा रहे हैं। वहीं, नए अस्थाई अस्पताल बनाने का काम तेज कर दिया गया है।
चीन की GDP का 20% क्षेत्र लॉकडाउन की जद में
लॉकडाउन का चीन के कारोबार पर लगातार असर हो रहा है। एक्सपर्ट के मुताबिक, चीन की GDP में 20% योगदान देने वाला क्षेत्र इस वक्त भी लॉकडाउन या सख्त पाबंदियों से गुजर रहा है। उसके केंद्रीय बैंक भी अगले साल चीन की ग्रोथ को 4.3% से घटाकर 4% आंक रहे हैं। ग्रोथ घटने की सबसे बड़ी वजह मुख्य कारोबारी हब शंघाई में दो अप्रैल से लागू हुए दो महीने का लॉकडाउन भी है।
झिंजियांग और तिब्बत के क्षेत्रों में महीनों से तालाबंदी चल रही है। अधिकारियों ने यह मांग उठाई है कि कोरोना को काबू करने के लिए शंघाई जैसे विशाल शहर को पूरा लॉकडाउन करने से बचा जाए। कुछ जीरो कोविड नीति छोड़ने की राय भी दे रहे हैं।