ऋषि सुनक ने मंगलवार को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया। ब्रिटिश पीएम बनने के कुछ ही घंटों में ऋषि सुनक ने अपने एक के बाद एक फैसले से हलचल मचा दी। जहां उन्होंने कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया तो वहीं पुराने लोगों को फिर से मंत्री बना दिया। 42 वर्षीय ऋषि सुनक भारतीय मूल के हैं। उन्होंने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बन इतिहास रच दिया। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सुनक के लिए ब्रिटिश सत्ता की चाबी मिलना आसान था? क्या बोरिस जॉनसन से उनकी सुलह ने इसमें भूमिका निभाई? सुनक के हालिया बयानों से ऐसा ही प्रतीत होता है कि बोरिस जॉनसन से उनकी हालिया दोस्ती खूब काम आई। सुनक ने मंगलवार को पूर्व ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन की जमकर तारीफ की।
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन की ‘अतुल्य उपलब्धियों’ को लेकर वह हमेशा उनके आभारी रहेंगे। साथ ही, सुनक ने जोर देते हुए कहा कि 2019 में कंजरवेटिव पार्टी को मिला जनादेश किसी एक व्यक्ति की ‘व्यक्तिगत संपत्ति’ नहीं है। सुनक के भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने का रास्ता जॉनसन के एक्शन से ही संभव हो पाया। दरअसल सुनक के पीएम बनने से दो दिन पहले जॉनसन ने घोषणा की थी कि वह नेतृत्व की दौड़ में शामिल नहीं हैं। यही नहीं, बोरिस ने खुद अपना नाम वापस लेते हुए सुनक को अपना समर्थन दिया था।
क्योंकि दोनों नेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा कंजरवेटिव पार्टी के लिए विभाजनकारी साबित हो सकती थी। जॉनसन के कई समर्थक उनकी सरकार गिरने के लिए जुलाई में सुनक द्वारा वित्त मंत्री पद से दिए गए इस्तीफे को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। सुनक ने ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद अपने पहले संबोधन में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के तौर पर बोरिस जॉनसन की अतुल्य उपलब्धियों को लेकर मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा और उनकी गर्मजोशी एवं उदारता को संजो कर रखूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि वह इस बात से सहमत होंगे कि 2019 में पार्टी को जो जनादेश मिला था वह किसी एक व्यक्ति की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है, बल्कि यह जनादेश हम सभी को मिला था और यह हमें आपस में जोड़ता है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘उस जनादेश के मूल में हमारा घोषणापत्र है।’’ हर स्तर पर अपनी सरकार द्वारा सत्यनिष्ठा, पेशेवर व्यवहार रखने और जवाबदेही लेने का संकल्प लेते हुए सुनक ने कहा, ‘‘मैं इसके (सरकार के) वादों को पूरा करूंगा।’’
सुनक ने मंगलवार को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण नियुक्तियों के साथ अपनी शीर्ष टीम बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी। उन्होंने देश में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए पूर्ववर्ती लिज ट्रस नीत सरकार में हाल में वित्त मंत्री बनाए गए जेरेमी हंट को पद पर बरकरार रखने का फैसला किया है। साथ ही भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन को गृह मंत्री बनाया गया है।
सुएला ब्रेवरमैन, लिज ट्रस की तत्कालीन सरकार में भी गृह मंत्री रही थीं। उन्होंने लिज ट्रस नीत सरकार के कामकाज से नाखुशी जताते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, सुनक के वफादार नहीं होने के बावजूद विदेश मंत्री के रूप में जेम्स क्लीवरली भी अपने पद पर बने रहेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने जेरेमी हंट को इस महीने की शुरुआत में देश का वित्त मंत्री नियुक्त किया था। हंट ने ट्रस द्वारा करों में कटौती से संबंधित मिनी बजट को वापस ले लिया था। वह सुनक के सहयोगी रहे हैं और ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि वह अपने पद पर बने रहेंगे।
जेरेमी हंट ने वित्त मंत्री के रूप में बरकरार रखे जाने के बाद ट्वीट किया, ‘‘यह कठिन होने जा रहा है। लेकिन, कमजोर तबके के लोगों के अलावा लोगों की नौकरियों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होगी, जब हम स्थिरता, आत्मविश्वास और दीर्घकालिक विकास को बहाल करने के लिए काम करेंगे।’’ इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में उप-प्रधानमंत्री और कानून मंत्री के रूप में कार्य करने वाले डोमिनिक राब को सुनक ने दोनों पदों पर नियुक्त किया है।
बेन वालेस को रक्षा मंत्री के पद पर बरकरार रखा गया है जबकि नदीम जहावी को टोरी पार्टी का अध्यक्ष और बिना विभाग का मंत्री बनाया गया है। गृह मंत्रालय में ब्रेवरमैन के उत्तराधिकारी ग्रांट शाप्स को अब नया व्यापार मंत्री बनाया गया है। इस बीच, सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के लिज ट्रस और बोरिस जॉनसन गुट के कई लोगों ने सुनक के 10 डाउनिंग स्ट्रीट में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया।
भारतीय मूल के सांसद आलोक शर्मा ने अपनी कैबिनेट कार्यालय मंत्री की भूमिका खो दी और ब्रिटेन की तरफ से अगले माह मिस्र में आयोजित होने वाले कॉप 27 (संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन) में बातचीत करने के लिए केवल कॉप 26 के अध्यक्ष के रूप में बने रहेंगे। वहीं, जैकब रीस-मोग ने व्यापार मंत्री, ब्रैंडन लुइस ने न्याय मंत्री, किट माल्थहाउस ने शिक्षा मंत्री और श्रीलंकाई मूल के रानिल जयवर्धने ने पर्यावरण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।