प्रदेश के तमाम शहरों और जिलों की सड़कें भी काफी बदहाल हैं। 12 विभागों की कुल 77,060 किमी सड़कें खराब हैं, जिन्हें बनाने की जरूरत है। शासन की ओर से इन्हें जल्द बनाने का निर्देश दे दिया गया है। निकाय चुनाव से पहले सभी सड़कों को बनाने के निर्देश हैं। प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने 10 अक्तूबर को आवास के साथ सभी विभागों की खराब सड़कों की सूची भेजी है।
प्रदेश में कुल 12 विभागों की खराब सड़कें चिन्हित की गई हैं। इन 12 विभागों के पास 2,24,508 सड़कें हैं। इनकी कुल लंबाई 3,86,859.914 किमी है। प्रमुख सचिव आवास के पत्र के साथ जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें 1,01,358 किमी सड़कों के खराब होने का उल्लेख है। इसमें 71,718 किमी सड़कें गड्ढे भरी हैं, जिन्हें पैच वर्क से दुरुस्त किया जा सकता है। 29,639 किमी सड़कें ऐसी हैं, जिन्हें पूरी तरह बनाना जरूरी है। प्रमुख सचिव की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें 18,782.88 किमी गड्ढा युक्त सड़कें दुरुस्त कर दी गई है। इसके अलावा 5,542 किमी नई सड़कें बनाई गई है। कुल 1,01,358 खराब सड़कों में से 24,325.612 किमी सड़कें दुरुस्त हो गई हैं। अभी भी 77,060 किमी सड़कें खराब हैं, जिन्हें बनाया जाना है। विभिन्न विभाग इन सड़कों को बनाने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। शासन के अफसरों के मुताबिक रोजाना सड़कें बनाई जा रही हैं। ऐसे में आंकड़ों में कुछ बदलाव भी हो सकता है।
प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने 10 अक्तूबर को प्रदेश के सभी कमिश्नर, जिलाधिकारी और प्राधिकरण उपाध्यक्ष को खराब सड़कों के संबंध में पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि निकाय चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में चुनाव से पहले सभी खराब सड़कें दुरुस्त करा दी जाए, ताकि लोगों को कोई असुविधा न होने पाए। प्रमुख सचिव ने पत्र के साथ प्रदेश के विभिन्न विभागों की खराब सड़कों की सूची भी भेजी है।
इन पांच विभागों की प्रगति सबसे खराब
विभाग का नाम प्रगति प्रतिशत में
गन्ना विभाग 00 %
सिंचाई विभाग 00 %
मंडी परिषद 00 %
पीडब्ल्यूडी 17.85%
एनएचएआई वेस्ट यूपी 18.52%