शिवपुरी :- म.प्र. संविदा एवं ठेका श्रमिक कर्म संघ (इण्टक) ग्वालियर तत्वाधान में आज विद्युत कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट में एकत्रित होकर डिप्टी कलेक्टर रवि अंकुर गुप्ता को ज्ञापन सौंपा
जहां विधुत कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि हमारा संगठन व्यावसायिक अधिनियम 1926 के तहत पंजीकृत होकर भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन काँग्रेस (इंटक) से संबद्ध संघ है, जो मध्य प्रदेश राज्य की सभी विद्युत कंपनियों के नियमित संविदा एवं ठेका श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करता है और उनको श्रम कानून के तहत मिलने वाले अधिकारों को समय-समय पर प्रशासन व प्रबंधन को अवगत कराकर उनके सार्थक समधान/निराकरण हेतु सदैव प्रयासरत रहता है। इस संबंध में विद्युत संविदा एवं आउटसोर्स (ठेका) श्रमिकों की निम्नांकित जायज मांगे लंबे समय से लंबित है, जिनका शीघ्र निराकरण किया जाए।
यह रही प्रमुख मांगें –
- सविदा विद्युत कर्मचारियों का नियमितीकरण भाजपा सरकार जनसंकल्प 2013 के पृष्ठ: कमांक 33 बिन्दु क्रमांक 06 के अनुसार नियमित किया जायें।
- विद्युत कंपनियों में कार्यरत ठेका श्रमिकों को कार्य अनुभव के आधार पर संविलियन अथवा संविदा पर नियोजित किया जायें।
- राजस्थान, पश्चिम बंगाल एवं अन्य राज्यों की तरह मप्र में भी जनवरी 2004 से पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जायें।
- आउटसोर्स कर्मचारियों का श्रम कानूनों के तहत प्रत्येक 05 वर्ष में न्यूनतम वेतन पुनरीक्षितकिया जायें।
- विद्युत कंपनियों में सभी वर्ग के कर्मचारियों के लिये प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाये।
6.विधुत कंपनियों में कार्यरत तकनीकी संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को जोखिम भत्ता एवं अन्य भत्ते नियमित कर्मचारियों के अनुसार प्रदान किए जाएं
- विद्युत कंपनी में कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए एवं तकनीकि श्रमिकों का 50 लाख रु का दुर्घटना बीमा करायें।
- विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर नियमित कर्मचारियों के मूलवेतन का 90 प्रतिशत वेतनमान प्रदान किया जायें। विद्युतपनियों में कार्य सभी वर्ग के कर्मचारियों को एक कमानी से दूसरी कम्पनी ने स्थानांतरण की नीति लागू की जाये।
- विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को राष्ट्रीय स्मार पर कार्य करने पर नियमित कर्मचारियों की तरह अतिरिक्त पारिश्रमिक दिया जायें
- विद्युत कंपनियों में कार्यरत नियमित कर्मचारियों की तरह संविदा कर्मचारियों उनके परिवार को चिकित्सकीय लाभ दिया जायें।
- विद्युत कंपनियों में कार्यरत संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों विद्युत बिल में प्रदान की जायें।