पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ कार्रवाई जारी है। खबर है कि मंगलवार सुबह करीब 170 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। इस दौरान 7 राज्यों में पुलिस ने रेड की है। हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 13 राज्यों में छापे मारकर 100 से ज्यादा पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था।
खबरें हैं कि राज्यों की पुलिस उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम, कर्नाटक, दिल्ली औऱ महाराष्ट्र में तलाशी कर रही है। खबर है कि हिंसक प्रदर्शनों की योजना से जुड़े इनपुट मिलने के बाद छापे मारे गए थे। शीर्ष खुफिया सूत्रों ने जानकारी दी है कि सुबह 6 बजे तक 7 राज्यों में 200 ठिकानों पर रेड कर 170 से ज्यादा कैडर्स को हिरासत में ले लिया गया था।
एक खुफिया नोट से पता चला है कि पीएफआई सरकारी एजेंसियों, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक के नेताओं और संगठन को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। नोट के अनुसार, नई दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में अपने वरिष्ठ नेताओं को रखे जाने के बाद पीएफआई कार्यकर्ता नाराज हैं।
नोट में आगे कहा गया है कि पीएफआई ने सरकार के खिलाफ हिंसक जवाबी कार्रवाई का फैसला किया है। खबर है कि पीएफआई ने ‘बयाथीस’ का रास्ता चुना है। यह अरबी शब्द है जिसका मतलब ‘मौत का सौदागर’ या ‘फिदायीन’ होता है, जो अपने आमिर के लिए मरने या मारने की कसम खाते हैं।
पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां इन 8 राज्यों में रेड कर रही हैं। असम से 7 पीएफआई नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, कर्नाटक में 45 सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। इन्हें स्थानीय तहसीलदार के सामने पेश किया जाएगा और न्यायिक हिरासत की मांग की जाएगी। कहा जा रहा है कि गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए इन पीएफआई नेताओं ने या तो एनआईए को रोकने की कोशिश की और पहले विरोध प्रदर्शन किए थे या स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ाया था।
पुणे में राज्य की पुलिस ने कथित फंडिंग मामले में पूछताछ के लिए 6 पीएफआई समर्थकों को हिरासत में लिया है। खबर है कि यूपी के सियाना और सारूपुर में कार्रवाई की गई। साथ ही मेरठ, बुलंदशहर और सीतापुर से कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इधर, राजधानी दिल्ली में शाहीन बाग और जामिया समेत कई इलाकों में छापे चल रहे हैं। रेड के दौरान करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है।