मंत्रियों और विधायकों के रिश्तेदारों को बनाया मेंबर, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में परिवारवाद जारी

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस मेंबर्स की घोषणा कर दी गई है। लेकिन पार्टी ने विवाद से बचने के लिए नामों की सार्वजनित घोषणा नहीं की है। मां-बेटे, पति-पत्नी और बाप-बेटे की जोड़ी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सदस्य बनाया गया है। करीब 400 मेंबर्स बनाए गए है। परिवारवाद की छाया दिखाई दे रही है। पूर्व विधानसभा स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत और उनके बेटे बालेंदु सिंह शेखावत का, जो एक ही विधानसभा श्रीमाधोपुर से पीसीसी मेंबर बने हैं। इसके आगे दौसा से पीसीसी मेंबर बनने वाले मंत्री मुरारी लाल मीणा और उनकी पत्नी सांसद प्रत्याशी रही सविता मीणा का नाम आता है। जोधपुर जिला प्रमुख लीला मदेरणा और उनकी बेटी विधायक दिव्या मदेरणा का, जो दोनों ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मेंबर बनी है।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के कहने पर उनके भाई की पत्नी रेखा कटारिया पीसीसी सदस्य बनी हैं। मंत्री जाहिदा ने अपनी विधानसभा कामा के दोनों ब्लॉक से अपने परिवार को ही पीसीसी मेंबर बनाया है। कामां विधायक ने अपने पति जलीस खान और बेटे साजिद खान को पीसीसी सदस्य बनाया है। दूदू से बाबूलाल नागर ने अपने बेटे विकास नागर को और जितेश चौधरी को पीसीसी सदस्य बनवाया है। निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल ने अपनी पत्नी सविता बेनीवाल को पीसीसी सदस्य बनाया है।
प्रदेश प्रभारी अजय माकन आज जयपुर आ रहे हैं। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में 2 बजे सभी मेंबर्स संग बैठक लेंगे। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में होने वाली बैठक में जब सभी पीसीसी मेंबर पहुंचेंगे तब ही उनके नाम आउट होंगे। लेकिन बात करें पीसीसी मेंबर की तो इस बार पीसीसी मेंबर बनाने में विधायकों की राय को सर्वोपरि रखा गया है। लेकिन प्रदेश के कुछ ऐसे मंत्री और विधायक भी हैं, जिन्होंने खुद की जगह अपने कार्यकर्ताओं को पीसीसी मेंबर बनाया है।