उत्तर प्रदेश में अगले दो महीनों के भीतर करीब 52 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सीधी भर्ती होगी। राज्य में इन कार्यकत्रियों के कुल एक लाख 89 हजार 836 पद सृजित हैं, जिनमें से 60 साल की उम्र पूरी होने पर सेवानिवृत्ति, देहांत और अन्य कारणों से 52 हजार पद रिक्त चल रहे हैं।
वर्ष 2012 के बाद से प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के पद खाली चल रहे हैं और इन पदों के रिक्त होने की वजह से आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन भी बाधित हो रहा है। बाल विकास पुष्टाहार विभाग ने इन पदों पर सीधी भर्ती के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को 4000 रुपये मासिक मानदेय, 1500 रुपये मासिक केन्द्र सरकार से विशेष प्रोत्साहन राशि और 400 रुपये प्रतिमाह मोबाइल फोन रीचार्ज का दिया जा रहा है।
इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की सीधी भर्ती के लिए अभी तक 10वीं पास होना शैक्षिक योग्यता निर्धारित रही है। अब इसमें कुछ बदलाव भी किए जाने की चर्चा है। अब यह शैक्षिक योग्यता इण्टर निर्धारित की जा रही है। इस सीधी भर्ती में संबंधित जिले का मूल निवासी होना जरूरी है। 21 से 35 वर्ष की आयु सीमा तय है। भर्ती में सबसे पहले विधवा, फिर परित्यक्ता और उसके बाद गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की महिला को वरीयता दी जाती है। जातीय आरक्षण भी लागू होता है।
शैक्षिक योग्यता में मेरिट में प्रतिशत के आधार पर भर्ती होती है। इसके अलावा विभाग में करीब छह हजार सुपरवाइजरों में से तीन हजार पद रिक्त चल रहे हैं। इन रिक्त पदों को पदोन्नति और सीधी भर्ती से भरा जाना है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री से सुपरवाइजर के पदों पर भी पदोन्नति की जानी है। साथ ही 102 कनिष्ठ लिपिक से सहायक लिपिक, 200 वरिष्ठ सहायक से प्रधान सहायक, 42 प्रधान सहायक से प्रशासनिक अधिकारियों के पदों पर भी पदोन्नति की जानी है। मुख्य सचिव के आदेश हैं कि पदोन्नति की यह प्रक्रिया हर हाल में 30 सितम्बर तक पूरी कर ली जाए।
अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती में 10वीं पास शैक्षिक योग्यता निर्धारित थी। मगर बीते अगस्त में केन्द्र सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए इसे 12वीं पास तय कर दिया है। केंद्र सरकार के इन निर्देशों के अनुपालन में इन रिक्तियों के लिए चयन प्रक्रिया तय की जा रही है।