एलजी सक्सेना भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक्शन में दिखेंगे

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी में हैं। राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि आप विधायक आतिशी, सौरभ भारद्वाज और दुर्गेश पाठक समेत पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ कानून का सहारा लिया जाएगा।
आम आदमी पार्टी के विधायकों ने उपराज्यपाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सोमवार और मंगलवार को पार्टी के विधायकों ने इस मुद्दे पर विधानसभा में हंगामा और नारेबाजी की थी। इस दौरान उपराज्यपाल के खिलाफ जांच कराए जाने की मांग की गई थी। आप विधायकों ने आरोप लगाया है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने (एलजी ने) कथित तौर पर 1400 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया है।राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि भ्रष्टाचार के आरोप झूठे, गढ़े हुए और अवमाननापूर्ण हैं। इन आरोपों के खिलाफ उपराज्यपाल ने कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। आप विधायकों के अलावा डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। उधर, आम आदमी पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि हर कोई मानता है कि उपराज्यपाल की अध्यक्षता में केवीआईसी में बड़ा मनी लॉन्ड्रिंग घोटाला हुआ था। दो गवाहों ने अपना हस्ताक्षरित बयान दिया है। फिर भी सीबीआई ने उन्हें कभी भी आरोपी नहीं बनाया और जांच के लिए भी एक बार नहीं बुलाया। हमारी मांग है कि इस घोटाले में उनकी भूमिका की जांच हो और जांच होने तक उन्हें एलजी पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। कानून सबके लिए समान रूप से लागू होना चाहिए।
राजनिवास के सूत्रों ने बताया कि आठ नवंबर 2016 को भारत सरकार ने एक हजार और पांच सौ रुपये के नोट पर पाबंदी लगाई थी। नौ नवंबर को केवीआईसी की ओर से इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया गया। बाद में संज्ञान में आया कि खादी ग्रामोद्योग भवन के खाते में अलग-अलग तारीखों में कुछ नोटबंदी वाले नोट जमा किए गए। मुख्य सतर्कता अधिकारी ने जांच की। सीबीआई को भी इसकी जानकारी दी गई और इसी आधार पर दोनों एजेंसियों ने अप्रैल 2017 में औचक जांच-पड़ताल की। प्राथमिक जांच पड़ताल में दोषी पाए जाने पर खादी ग्रामोद्योग भवन के चार अधिकारियों का निलंबन और स्थानांतरण भी किया गया।
दिल्ली में बुधवार को सदन से सीबीआई मुख्यालय तक विधायकों की खरीद-फरोख्त के ऑफर के आरोप की जांच की जंग जारी रही। आप ने ऑपरेशन लोटस और एलजी पर आरोपों की जांच को लेकर विधानसभा में चौथे दिन भी हंगामा किया। बाद में कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद आप नेता सीबीआई मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने धरना दिया। शाम तीन बजे आप के 10 विधायकों का प्रतिनिधिमंडल सीबीआई निदेशक से मिलने पहुंचा।
पहले से समय नहीं लेने के कारण उन्हें बाहर रोक दिया गया। विधायक आतिशी ने कहा, सीबीआई पूरे मामले की जांच करे। बाद में सीबीआई द्वारा उनकी शिकायत लिए जाने के बाद विधायकों ने शाम चार बजे धरना खत्म किया। उधर, आप ने बयान में कहा कि हम ऑपरेशन लोटस घोटाले की सीबीआई जांच का अनुरोध स्वीकारने के लिए भाजपा सांसदों की सराहना करते हैं। अन्य राज्यों में भी ऐसे मामलों की जांच हो।
दिल्ली में ऑपरेशन लोटस के आरोपों पर भाजपा आक्रामक हो गई है। बुधवार को भाजपा सांसदों ने आरोपों की फॉरेंसिक जांच की मांग की। भाजपा सांसदों ने इस संबंध में उपराज्यपाल को भी पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि आरोपों की जांच से सच्चाई सामने आएगी। भाजपा मुख्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी, रमेश बिधूड़ी, हंस राज और प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि जांच के बाद आप के दावों की पोल खुल जाएगी।
सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि चूंकि उन्होंने दावा किया है कि भाजपा ने उन्हें 20-20 करोड़ रुपये की पेशकश की है तो यह फॉरेंसिक जांच का विषय है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि आप के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गई। इस संबंध में फोन आने की बात कही जा रही है। वे इसका खुलासा क्यों नहीं करते। वहीं, सांसद प्रवेश वर्मा ने आप विधायकों की लाई डिटेक्टर जांच कराने की मांग की।
दिल्ली सरकार के स्कूलों को लेकर आप विधायक सौरभ भारद्वाज और भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया के बीच बुधवार को सड़क पर ही बहस छिड़ गई।