रायपुर:- कृष्ण कुंज का हुआ शुभारम्भ

(सौरभ यादव)तिल्दा-नेवरा:- धरसींवा विधानसभा क्षेत्र की विधायिका श्रीमती अनीता शर्मा तथा खनिज विकास निगम के अध्यछ गिरीश देवांगन ..ने फीता काटकर किया शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप कृष्ण जन्माष्टमी पर प्रदेश के नगरीय निकायों में कृष्ण कुंज का शुभारंभ किया गया के महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक परम्परागत व जीवन उपयोगी वृक्षों की अमूल्य विरासत को संरक्षण के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के नगरीय निकायों में चिन्हित स्थलों को विकसित कर कृष्ण कुंज निर्माण कर सांस्कृतिक महत्व के बरगद , पीपल , नीम , कदम्ब , जामुन , बेर , कैथा एवं अन्य जीवन उपयोगी पौधों का रोपण और संरक्षण किया जाना है , उसी कड़ी में आज खरोरा नगर पंचायत की इस भूमि पर वन विभाग की ओर से कृष्ण कुंज का निर्माण कर पौधा रोपण का कार्य धरसींवा विधानसभा क्षेत्र की विधायिका श्रीमती अनीता शर्मा तथाखनिज विकास निगम के अध्यछ गिरीश देवांगन ………… एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में अधिकृत रूप से शुभारंभ किया जा रहा है। प्रदेश स्तर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा रायपुर नगरनिगम क्षेत्र में तेलीबांधा में निर्मित कृष्ण कुंज का शुभारंभ उनके द्वारा पौधा रोपण कर किया गया है।
ऐसे योजनाओं से पर्यावरण सरंक्षण और जनमानसों में सदभाव और अपने विरासत के प्रति समर्पण का भाव उत्पन्न होगा । वास्तव में माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा इस प्रकार के योजनाओं को अमलीजामा पहनाए जाने पर उनकी छत्तीसगढ़ के माटी और छत्तीसगढ़ के वासियों के लिए अटूट स्नेह और भाव को प्रकट करता है । वृक्षों के संरक्षण के प्रति जागरूकता एवं वृक्षों के महत्व से जनसामान्य को परिचित कराने के लिए शासन द्वारा कृष्ण कुंज की पहल की गई है। प्राचीन परंपरागत वृक्ष हमारे अमूल्य विरासत हैं। नगरीय क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर पौधरोपण करने एवं संवर्धन करने तथा सांस्कृतिक विरासत से जोडऩे के लिए इसका नाम कृष्ण कुंज रखा गया है।कृष्ण कुंज परिकल्पना में उल्लेखित प्रजातियों का रोपण किया गया है। उन प्रजातियों में ऐसे प्रजातियों का रोपण प्रस्तावित है, जो स्थानीय परंपरा, जीवनोपयोगी एवं सांस्कृतिक महत्व से संबंधित है। कृष्ण कुंज को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए राज्य में एकरूपता प्रदर्शित करने हेतु बाउण्ड्रीवाल गेट एवं कृष्ण कुंज का लोगों तैयार किया गया है। कृष्ण कुंज के लोगों में एवं बाउण्ड्रीवाल गेट में हमारी छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक महत्व एवं परम्परा दर्शित है, जिसे देखने मात्र से ही छत्तीसगढ़ की अस्मिता प्रकट होती है। कर्यक्रम में एस डी एम प्रकास टंडन डिप्टी रेंजर दीपक तिवारी वन विभाग के अधिकारी कर्मचारीगण एवं वरिष्ठ नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे|