यूपी में बीजेपी का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा? पिछले तीन महीने में दर्जनभर से ज्यादा नाम चर्चा में आ चुके हैं। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों के अलावा कई सांसद और अन्य दिग्गज शामिल हैं। इस फेहरिस्त में नया नाम अब एक डिप्टी सीएम का है। माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान ने यूपी के नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश पूरी कर ली है। जानकारों का कहना है कि बाकी फैसलों की तरह पार्टी नेतृत्व नये अध्यक्ष को लेकर भी सबको चौंकाएगा।
बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर यूपी में योगी सरकार रिपीट होने के बाद से ही भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हलचलें तेज हो गई थीं। दरअसल, भाजपा में एक व्यक्ति-एक पद की परंपरा है और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह बतौर जलशक्ति मंत्री अब सरकार का हिस्सा हैं। हाल ही में उन्होंने अपना तीन साल का कार्यकाल भी पूरा कर लिया है। ऐसे में नये अध्यक्ष की ताजपोशी तय है। मगर यह कौन होगा, इसे लेकर लगातार अटकलों का बाजार गर्म है। नए घटनाक्रमों के साथ अध्यक्ष को लेकर सामाजिक समीकरण भी बनने-बिगड़ने की चर्चाएं तेज हो जाती हैं।
मसलन, उपराष्ट्रपति पद के लिए जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान होते ही उनके सजातीय दावेदारों को झटका लगता दिखा जबकि बीते दिनों इसी जाति के एक मंत्री के नाम की चर्चाएं चरम पर थीं। चूंकि दलितों पर भाजपा का खासा फोकस है सो इस बेल्ट से सांसद डा. रामशंकर कठेरिया, केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, सांसद विनोद सोनकर जैसे कई नाम उभरे।
ओबीसी खेमे से केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा का नाम बहुत तेजी से चर्चा में आया। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के नाम भी सत्ता दल के गलियारों में तेजी से सुनाई दिए।
हालिया दिनों में तबादला विवाद से लेकर राज्यमंत्री दिनेश खटीक के लेटर बम जैसे कई मामले चर्चा में आए हैं। अब देखना यह है कि भाजपा नेतृत्व किस डार्क हॉर्स के जरिए सबको चौंकाता है।
पुराना ट्रैक रिकार्ड देखें तो लोकसभा चुनाव में भाजपा किसी ब्राह्मण अध्यक्ष के साथ जाती रही है। डा. महेंद्रनाथ पांडेय, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, रमापति राम त्रिपाठी, केशरी नाथ त्रिपाठी जैसे नाम इसके उदाहरण हैं। यही कारण है कि कई ब्राह्मण चेहरे इस दौड़ में प्रमुखता से शामिल हैं। इनमें डा. दिनेश शर्मा, सुब्रत पाठक, हरीश द्विवेदी, दिनेश उपाध्याय, गोविंद नारायण शुक्ला, ब्रज बहादुर शर्मा सहित कई नामों को लेकर चर्चा है। लेकिन इनमें से कई नामों को लोग खारिज कर रहे हैं।