रायबरेली: ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप रिबोर व मरम्मती करण के नाम पर होती है सिर्फ खानापूर्ति




महराजगंज रायबरेली। जहां एक और केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में घर घर शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए पानी टंकियों का निर्माण कराकर पाइप लाइन के माध्यम से हर घर जल पहुंचाने की योजना को सफल बनाने का प्रयास कर रही है।तो दूसरी ओर पूर्व की सरकारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए लगाए गए सरकारी हैंडपंप अपनी मरम्मत की राह देख रहे हैं। जानकारी के अनुसार आपको बताते दे कि तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तीनों विकासखंड में लाखों की संख्या में लगे सरकारी हैंड पंपों में कुछ तो वर्तमान समय में निजी हैंडपंप बनकर रह गए हैं और कुछ अपने उपयोगकर्ताओं की उपेक्षा का शिकार होकर मरम्मतीकरण की ओर आशा भरी नजरों से टकटकी लगाए हुए हैं। इस संबंध में जब विभागीय अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना है कि अब इन हैंडपंपों की मरम्मत और रीबोर का कार्य ग्राम पंचायत को पूर्ण रूप से सौंप दिया गया है अब ग्राम प्रधानों की जिम्मेदारी है कि उनकी ग्राम सभा में जो भी सरकारी हैंड पंप मरम्मतीकरण मे हैं। उनकी मरम्मत कराकर उन्हें पूर्ण रूप से सही किया जाए। आखिरकार जब ग्राम पंचायतों को यह कार्य सौंप दिया गया है तो फिर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी ठीक प्रकार से निर्वाहन क्यों नहीं कर रहे हैं। वही सूत्रों की माने तो ज्यादातर ग्राम सभाओं में प्रधानों द्वारा प्रतिवर्ष नलकूप दुरुस्ती करण व रिबोर के नाम पर लाखों रुपए निकाला जाता है। लेकिन नल जस के तस पड़े हुए न दुरुस्ती करण हो पाता है न रिबोर आखिर में सरकार द्वारा आवंटित शुद्ध पेयजल योजना का धन कहां चला जाता है यह एक सोचनीय प्रश्न है। आज भी ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। वही संबंधित अधिकारी व कर्मचारी सरकार को बदनाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।