पार्टी लाइन से हटकर फैसले ले रहे कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बगावत के बाद भी पार्टी बिश्नोई को बाहर नहीं निकालेगी, बल्कि उन्हें खुद ही नैतिक जिम्मेदारी लेकर विधानसभा से इस्तीफा दे देना चाहिए। हालांकि, कांग्रेस के इस कदम के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं।
हुड्डा ने कहा, ‘मैं उन्हें निष्कासित करने वाला नहीं हूं। नैतिक तौर पर उन्हें विधानसभा से इस्तीफा देना चाहिए। अगर उनके क्षेत्र आदमपुर में उपचुनाव होते हैं, तो कांग्रेस चुनाव लड़ेगी।’ खास बात है कि 53 वर्षीय बिश्नोई ने हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की थी।
बीते महीने राज्यसभा चुनाव के दौरान भी बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की थी। साथ ही इस बार राष्ट्रपति चुनाव में भी उन्होंने विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बजाए NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने के संकेत दिए हैं। मतदान के बाद उन्होंने कहा था, ‘राज्यसभा की तरह मैंने इस चुनाव में भी अपने विवेक से मतदान किया है।’
कांग्रेस को लेकर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं रह गई है, जैसी इंदिरा जी और राजीव जी के समय पर थी।’ उन्होंने दावा किया कि अब कांग्रेस में सामान्य कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को सम्मान नहीं मिलता। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि अगर कांग्रेस बिश्नोई को निष्कासित करती है, तो वह विधायक बने रहेंगे, जो कांग्रेस नहीं चाहती। वहीं, भाजपा जल्दी उनकी एंट्री की उम्मीद कर रही है।
हुड्डा ने यह भी कहा कि बिश्नोई की एंट्री से भाजपा को फायदा नहीं होगा और उनके बाहर जाने से कांग्रेस को नुकसान नहीं होगा। 4 बार के विधायक और दो बार के सांसद विश्नोई कांग्रेस से नाराजगी की खबरें आती रही हैं। कहा जा रहा है कि इस साल हुए बदलाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के तौर पर उन्हें नजरअंदाज करने के चलते वह नाराज हैं। इधर, कांग्रेस ने भी उन्हें सभी पदों से हटा दिया है।