श्रीलंका में गृहयुद्ध के बीच पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आपात बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी। मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। पीएम विक्रमसिंघे ने कहा कि उनके इस्तीफे से देश में सर्वदलीय सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा श्रीलंका इस वक्त गृहयुद्ध के सबसे बुरे दौर में गुजर रहा है। पीएम विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने हाल ही में महिंद्रा राजपक्षे के बाद देश की कमान संभाली थी। उधर, इससे पहले कोलंबो में हजारों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास पर कब्जा कर लिया। 22 मिलियन की आबादी वाले राष्ट्र श्रीलंका में मौजूदा हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रपति गोयबाया राजपक्षे परिवार समेत राष्ट्रपति भवन छोड़ चुके हैं। एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें श्रीलंकाई मीडिया दावा कर रही है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा राष्ट्रपति के सूटकेट नेवी के जहाज में रखे जा रहे हैं। फिलहाल वे कहां हैं, इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
पीएम विक्रमसिंघे के इस्तीफे के बाद श्रीलंकाई कैबिनेट मंत्रियों ने भी इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। मंत्री बंदुला गुणवर्धना ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है।
रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंकाई पीएम पद से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन, अभी इस पर संशय बना हुआ है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे कब अपना पद छोड़ेंगे। प्रदर्शनकारी राजपक्षे के इस्तीफे पर अड़े हैं। लेकिन, खुद वो कहां है इसका पता नहीं चल पाया है। सुरक्षा सूत्रों का दावा है कि राष्ट्रपति को बचाने के लिए किसी गुप्त स्थान पर रखा गया है। राजपक्षे ने इस्तीफा देने की बात तो कही लेकिन, अभी तक वे सत्ता में बने हुए हैं।
विक्रमसिंघे ने इस्तीफे से पहले आपात बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने सर्वदलीय सरकार बनाने की पेशकश की थी। इस पेशकश के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। विक्रमसिंघे के इस्तीफे के बाद अब देश में सर्वदलीय सरकार बनाने की दिशा में कदम कब उठाया जाता है, यह देखना बाकी होगा।