उमरान मलिक का बचपन का सपना साकार हो गया। उन्हें शनिवार को टीम इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला। इससे पहले उमरान को साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन टी-20 मैचों की सीरीज के लिए भी टीम इंडिया के स्क्वॉड में जगह मिली थी, लेकिन प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिल पाया था।
बेटे के डेब्यू के बाद उमरान के पिता अब्दुल राशिद ने दैनिक भास्कर के साथ अपनी खुशियां साझा करते हुए कहा कि देशवासियों की दुआ कबूल हुई। IPL में पिछले साल डेब्यू के बाद से ही लोग उसके टीम इंडिया में शामिल होने की दुआ कर रहे थे। आज ऊपर वाले ने सबकी दुआ कबूल कर ली है।उन्होंने कहा कि उमरान जब छोटे थे, तभी से गलियों में बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते थे। मैं उसे कभी किसी बात पर डांटता तो वह जवाब देता- पापा मैं एक दिन इंडिया के लिए खेलूंगा। क्रिकेट में आपका नाम रोशन करूंगा। आज उमरान की कही बात सच हो गई। उसने जो वादा किया था वह पूरा हुआ।
मलिक ने कहा कि साउथ अफ्रीका के साथ घरेलू सीरीज के दौरान मौका नहीं मिलने पर उमरान बिल्कुल निराश नहीं थे, उन्हें ऊपर वाले पर भरोसा था। वह मुझसे यही कहते थे, कि टीम के साथ रहने से ही बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। समय आने पर डेब्यू का भी मौका मिलेगा। मुझे भरोसा है कि उमरान देशवासियों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे।
उमरान के पिता की जम्मू के शहीदी चौक पर फल और सब्जी की दुकान है। मलिक नहीं चाहते थे कि उनका बेटा उनकी तरह ही सब्जी और फल बेचे। इसलिए उन्होंने उमरान को कभी दुकान पर न आने को कहा था। मलिक ने बताया कि उन्होंने कभी उमरान को क्रिकेट खेलने से रोका नहीं।
मलिक ने बताया कि उमरान में क्रिकेट के प्रति जुनून इस कदर रहा कि वह देर शाम तक एक्सरसाइज करते थे। यही नहीं घर में भी अपनी दोनों बड़ी बहनों से क्रिकेट खेलने की जिद करते थे।
उमरान मलिक को सनराइजर्स हैदराबाद की टीम के साथ जुड़ाने का श्रेय जम्मू के ही खिलाड़ी अब्दुल समद को जाता है। अब्दुल समद लॉकडाउन के दौरान सरकार से परमिशन लेकर स्टेडियम में ट्रेनिंग करते थे। उस दौरान वह बैटिंग प्रैक्टिस करने के लिए उमरान को साथ लेकर जाते थे।
समद की फास्ट बॉलरों पर बेहतर शॉट के बारे में जब सनराइजर्स टीम के खिलाड़ियों ने पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी एकेडमी में काफी स्पीड से गेंद फेंकने वाला गेंदबाज है।