राजस्थान में ईआरसीपी के मुद्दे पर राजनीति गरमाई हुई है। गहलोत के तीन मंत्रियों ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्री रमेश मीना, विश्वेंद्र सिंह और महेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर पलटवार करते हुए कहा कि डीपीआर गलत है तो अपने सलाहकार से पूछना चाहिए। वसुंधरा के शासन में ईआरसीपी की डीपीआर तैयार की गई थी। भाजपा सरकार द्वारा 2017 में केंद्र सरकार के उपक्रम वेप्कोस लिमिटेड के माध्यम से डीपीआर तैयार की गई थी, उस समय रीवर बेसिन आॅथिरिटी के चैयरमेन श्रीराम वेदिरे की देखरेख में डीपीआर तैयार की गई थी। श्रीराम वेदिरे वर्तमान में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय में सलाहकार है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को कहा कि था ईस्टर्न कैनाल राजस्थान प्रोजेक्ट (ERCP) पर कहा कि गहलोत सरकार डीपीआर में संशोधन करके भेज दें तो दो महीने में योजना को लागू करवा दूंगा। मैंने ईआरसीपी पर 7 बार मीटिंग बुलाई लेकिन राजस्थान का कोई मंत्री मीटिंग में शामिल नहीं हुआ। राजस्थान में भी मध्यप्रदेश जैसे हालात हो जाते तो प्रदेश के 13 जिले प्यासे नहीं रहते।
गहलोत सरकार के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा है कि मेरे लिए तो ये आश्चर्य की बात है कि गजेन्द्र सिंह शेखावत अभी तक राजनीति में हैं। क्योंकि मेरे सामने उन्होंने खुले मंच पर कहा था कि अजमेर रैली में यदि मोदीजी ने ERCP पर एक शब्द कहा होगा तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। सच्चाई यह है कि जबकि 06 अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने ना सिर्फ ERCP का नाम लिया, बल्कि लगभग ढ़ाई मिनिट में प्रधानमंत्री ने इस योजना की उपयोगिता बताते हुए इसे राष्ट्रीय दर्जा देने के लिए सकारात्मक कदम उठाने की बात कही थी। इसके वीडियो तक आ जाने के बाद उन्होंने संन्यास नहीं लिया, यही उनकी सत्यनिष्ठा दिखाता है।
ईआरसीपी को लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की ओर से दिए बयान पर पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पलटवार किया है। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर दिया गया शेखावत का बयान घोर निदंनीय है। सीएम अशोक गहलोत का ERCP के लिए कमिटमेंट ही है जिसके कारण 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कार्य ERCP में करवा दिए हैं एवं 2022-23 के बजट में 9,600 करोड़ रुपये राज्य के बजट से जारी किए गए हैं। ERCP की DPR तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2017 में केन्द्र सरकार के उपक्रम वेप्कोस लिमिटेड के माध्यम के तैयार करवाई गई थी। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि जनता को झूठ मत परोसिए। सच्चाई सबके सामने है। विधानसभा चुनाव 2018 में पूर्वी राजस्थान से भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था।
पंचायतीराज मंत्री रमेश मीना ने कहा कि ईआरसपी के मुद्दे पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के आरोप सही नहीं है। ईआरसीपी प्रोजेक्ट की डीपीआर भाजपा ने ही बनवाई थी। शेखावत अब इसमें संशोधन की मांग कर रहे हैं। रमेश मीना ने कहा कि पीएम मोदी ने अजमेर के जनसभा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने का वादा किया था। लेकिन यह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ है। राजस्थान की जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। विधानसभा चुनाव में करौली में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी हार का सामना पड़ेगा। राज्य की जनता सही और गलत का सब फर्क जानती है।