महंगाई और महंगे लोन का दौर अभी जारी रहेगा। इसकी बानगी बुधवार को एक बार फिर दिखाई दी जब आरबीआइ ने रेपो रेट (Repo Rate) में फिर 50 आधार अंक की बढ़ोतरी का एलान किया। इसके साथ ही रेपो रेट बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गया है। पिछले महीने केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 40 आधार अंक की बढ़ोतरी की थी। विशेषज्ञों के मुताबिक रेपो रेट में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहेगा और दिसंबर तक आरबीआइ इसमें इजाफा करता रहेगा। आरबीआइ के इस फैसले से सभी प्रकार के रिटेल और एमएसएमई लोन (MSME Loan) महंगे हो जाएंगे। पहले से चल रहे लोन पर अब अधिक ब्याज चुकाना होगा
दूसरी तरफ, बैंकों में जमा होने वाली राशि पर पहले के मुकाबले अधिक ब्याज मिलेगा। मकान निर्माण की लागत बढ़ेगी जिससे मकान की कीमत भी बढ़ेगी। आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि रूस-यूक्रेन के युद्ध की वजह से महंगाई में बढ़ोतरी हुई है। महंगाई के लिए वाह्य कारक मुख्य रूप से जिम्मेदार है। युद्ध की वजह से सप्लाई बाधित है। उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत की अपनी ऊपरी सीमा से लगातार चार महीने से अधिक चल रही है और चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही में खुदरा महंगाई दर छह प्रतिशत से अधिक रहेगी।
उन्होंने कहा कि आरबीआइ अर्थव्यवस्था पर महंगाई के असर को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। यही वजह है कि मौद्रिक नीति कमेटी के सभी सदस्यों ने एकमत से रेपो रेट में 50 आधार अंक की बढ़ोतरी का फैसला किया। दास ने कहा कि इन सबके बावजूद चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने अप्रैल और मई में आर्थिक मोर्चे पर होने वाले प्रदर्शन उत्साहजनक हैं। निर्यात के साथ मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआइ, रेलवे फ्रेट, जीएसटी संग्रह, स्टील-सीमेंट की खपत और बैंक क्रेडिट में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार पूंजीगत खर्च में इजाफा कर रही है। अच्छे मानसून से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी और इन सबसे वैश्विक सुस्ती के बावजूद अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.2 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा का भंडार 601 अरब डालर है और चालू खाते का घाटा अभी ¨चताजनक स्तर पर नहीं पहुंचा है।
आरबीआइ के मुताबिक अच्छे मानसून और कच्चे तेल के दाम 105 डालर प्रति बैरल रहने पर चालू वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई दर 6.7 प्रतिशत रह सकती है। पहले चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआइ ने 5.7 प्रतिशत की महंगाई दर का अनुमान लगाया था। अभी कच्चे तेल की कीमत 120 डालर प्रति बैरल के आसपास है। आरबीआइ के अनुमान के मुताबिक अगले साल जनवरी-मार्च की तिमाही में महंगाई दर छह प्रतिशत से नीचे आ सकती है। हालांकि आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.2 प्रतिशत की विकास दर के अनुमान को कायम रखा है।
एसबीआइ के अनुमान के मुताबिक रेपो रेट में एक आधार अंक की बढ़ोतरी से रिटेल व एमएसएमई ग्राहकों पर प्रतिवर्ष 305 करोड़ रुपये का भार पड़ता है। इस प्रकार 50 आधार अंक बढ़ने से रिटेल और एमएसएमई लोन लेने वाले ग्राहकों को 15,250 करोड़ रुपये अतिरिक्त लोन के ब्याज के तौर पर चुकाने होंगे। इससे अन्य वस्तुओं की खपत में कमी आएगी। जमा राशि पर अधिक ब्याज मिलने से बैंकों में जमा में बढ़ोतरी होने लगती है और लोग कम खर्च करने लगते हैं।
क्रेडिट कार्ड को यूपीआइ से जोड़ा जाएगा, पहले रूपे कार्ड जुड़ेगा-विभिन्न प्रकार के बिल भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से जुड़े ई-मैंडेट की सीमा को 5000 से बढ़ाकर 15,000 रुपए किया गया-कोपरेटिव बैंक पहले के मुकाबले अब अधिक हाउसिंग लोन दे सकेंगे-शहरी कोपरेटिव बैंक सरकारी बैंकों की तरह उपभोक्ताओं को दे सकेंगे सेवा।
चालू वित्त वर्ष में मंहगाई के लिए आरबीआइ का अनुमान
पहली तिमाही (अप्रैल-जून)-7.5 प्रतिशत
दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर)-7.4 प्रतिशत
तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर)-6.2 प्रतिशत
चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च)-5.8 प्रतिशत(साल भर के लिए 6.7 प्रतिशत)
2022-23 में विकास दर के लिए आरबीआइ का अनुमान
पहली तिमाही-16.2 प्रतिशत
दूसरी तिमाही-6.2 प्रतिशत
तीसरी तिमाही-4.1 प्रतिशत
चौथी तिमाही-4 प्रतिशत(साल भर के लिए 7.2 प्रतिशत)
समझें हर महीने कितना बढ़ेगा आपकी जेब पर बोझ होम लोन
कर्ज की रकम- 30 लाख
मई में रेपो दर बढ़ने के बाद- 6.90 फीसदी पर
ईएमआई- 23,079.30
रेपो दर 0.50 फीसदी बढ़ने के बाद-7.40 फीसदी पर
ईएमआई- 23,984.70
आंकड़े रुपये में लोन अवधि: 20 साल
कार लोन
कर्ज की रकम- 5 लाख
मई में रेपो दर बढ़ने के बाद- 8.90 फीसदी पर
ईएमआई-10,477