केंद्रीय केमिकल और फर्टिलाइजर मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि चालू खरीफ और आगामी रबी सीजन के लिए यूरिया का पर्याप्त स्टाक है और आगामी दिसंबर तक इसके आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारत के आयात से हाथ खींच लेने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में फर्टिलाइजर की कीमतों में गिरावट आएगी। माना जा रहा है कि इससे अगले छह महीने में कीमतें घट सकती हैं।
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए मांडविया ने बताया कि भारत ने 16 लाख टन यूरिया का पहले ही आयात पूरा कर लिया है। जबकि राज्यों के पास 70 लाख टन यूरिया का पुराना स्टाक पड़ा है। घरेलू यूरिया कारखाने हर महीने 25 लाख टन यूरिया का उत्पादन कर रहे हैं। नैनो यूरिया के उत्पादन से हमारी 20 लाख टन परंपरागत यूरिया की मांग पूरी हो जाएगी। यूरिया के दो नए कारखानों बरौनी और सिंदरी में अक्तूबर तक उत्पादन शुरू हो जाएगा। दिसंबर तक इनमें भी छह लाख टन यूरिया तैयार हो जाएगी।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि घरेलू खेती के लिए कुल 325 से 350 लाख टन यूरिया की जरूरत पड़ती है। जिन देशों से भारत ने यूरिया का आयात किया है, उनमें ओमान, सऊदी अरब, रूस, चीन, मिस्र, अल्जीरिया, नाइजीरिया और कुवैत प्रमुख है। देश में डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) की कुल मांग सौ से सवा सौ लाख टन की खपत होती है। इसमें से 40 से 50 लाख टन डीएपी का उत्पादन घरेलू कारखानों में हो जाता है, जबकि 50 लाख टन का आयात कर लेता है।