देश के कई राज्यों में राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।पंद्रह राज्यों से राज्यसभा की 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होने वाले हैं। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने राज्यसभा चुनावों को टालने की मांग की है। राउत ने चुनाव की तारीखों को टालने का कारण नेताओं की खरीद-फरोख्त होने की आशंका को बताया है। शिवसेना नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा पैसे और केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके नेताओं की खरीद फरोख्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनावी माहोल को खराब करने में लगी है।
राज्यसभा चुनाव 10 जून को है जिसमें इस बार शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की महाविकास अघाड़ी के चार और भाजपा के तीन उम्मीदवार मैदान में है। भाजपा ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और पूर्व सांसद धनंजय महाडिक को अपने उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतारा है। वहीं शिवसेना ने संजय राउत और संजय पवार को अपना उम्मीदवार चुना है। एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा है। छठी सीट पर मुकाबला भाजपा के महादिक और शिवसेना के संजय पवार के बीच है।
इस चुनाव के लिए नामांकन वापसी की समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई। इससे पहले ही महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीन-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया कि उनकी पार्टी अपने तीसरे उम्मीदवार का नाम वापस ले ले। इसकी जगह भाजपा इस महीने के अंत में होने वाले द्विवार्षिक विधान परिषद चुनावों में एक अतिरिक्त सीट ले सकती है।
फडणवीस ने एमवीए को जवाबी प्रस्ताव इसी तरह का दिया। वही, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, हमारी अपनी गणना है, यही वजह है कि हमने तीसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है और यदि एमवीए वोटिंग से बचना चाहता है तो उसे अपने एक उम्मीदवार को वापस लेना चाहिए।