राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में मुकाबला रोचक हो गया है। यहां राज्यसभा की चार सीटों के लिए हो रहे चुनाव में पांच उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन-पत्र दाखिल किया हैं। इनमें कांग्रेस के मुकुल वासनिक,रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी एवं भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी के साथ ही निर्दलीय सुभाष चंद्रा ने भी नामांकन-पत्र दाखिल किया है । भाजपा ने निर्दलीय सुभाष चंद्रा को समर्थन दे दिया है। भाजपा विधायकों ने उनके प्रस्तावकों के रूप में हस्ताक्षर किया हैं। भाजपा के इस कदम से अब कांग्रेस की मुश्किल बढ़ गई है। अब तक तीन सीटों पर जीत तय मानकर चल रही कांग्रेस के रणनीतिकार निर्दलीय विधायकों से सम्पर्क साधने में जुट गए हैं।
नामांकन के बाद जीत का दावा करते हुए सुभाष चंद्रा ने कहा,मैंने पहले निर्दलीयों से बात की है। भाजपा आलाकमान से इजाजत लेकर ही मैदार में उतरा हूं। मैं बाहरी नहीं, राजस्थान का जाया जन्मा हूं। कांग्रेस उम्मीदवारों के नामांकन के समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा में मौजूद रहे। कांग्रेस के तीनों उम्मीदवरों वासनिक,सुरजेवाला और तिवारी ने नामांकन दाखिल करने से पहले कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की । वरियता में तिवारी को तीसरे नंबर पर रखा है। सुभाष चंद्रा के नामांकन दाखिल करने के बाद तिवारी को मुश्किल हो सकती है। सुभाष चंद्रा ने भी नामांकन दाखिल करने से पहले विधानसभा में ना पक्ष की लॉबी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे,राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह व अन्य नेताओं से मुलाकात की । वे सोमवार देर रात जयपुर पहुंचे थे ।
200 सदस्यीय विधानसभा में जीत के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 41-41 वोट चाहिए । कांग्रेस के खुद के 108 वोट हैं । इन वोटों के हिसाब से कांग्रेस के दो उम्मीदवार तो आसानी से जीत रहे हैं,उन्हे 82 वोट मिलेंगे । कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार के लिए पार्टी के 26 विधायकों के वोट ही बचेंगे शेष 15 वोट निर्दलीय विधायकों एवं अन्य दलों से लेने होंगे । कांग्रेस सरकार को अब तक 13 निर्दलीय, भारतीय ट्राइबल पार्टी और माकपा के दो-दो विधायकों का समर्थन था।
लेकिन आदिवासी को उम्मीदवार नहीं बनाने से टाइबल पार्टी कांग्रेस से नाराज है। निर्दलीय विधायक भी तीनों बाहरी नेताओं को उम्मीदवार बनाए जाने पर नाराजगी जता चुके हैं। ऐसे में इनका रूख एक-दो दिन में साफ होगा। वैसे सीएम इनके एकजुट करने में जुटे हैं। राष्ट्रीय लोकदल के एकमात्र विधायक सुभाष गर्ग सरकार में मंत्री है। उधर भाजपा के खुद के 71 वोट हैं। ऐसे में उसके उम्मीदवार तिवारी को तो 41 वोट आसानी से मिलेंगे। शेष बचे 30 वोट सुभाष चंद्रा के पक्ष में जांएगे। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन वोट सुभाष चंद्रा को मिल सकते हैं। ऐसे में उनके पास 33 वोट हो जाएंगे । उन्हे आठ वोटों की जरूरत होगी। इसके लिए वे निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने के प्रयास में है।