संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने गुरुवार को रूसी आक्रमण के कारण यूक्रेन में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर निगरानी बढ़ाने के लिए मतदान किया। मानवाधिकार परिषद के 34 वें विशेष सत्र में ‘रूसी आक्रमण के कारण यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति में गिरावट’ नाम के एक मसौदा प्रस्ताव को पेश किया गया। जिसके पक्ष में 33 वोट पड़े, वहीं दो वोट इसके खिलाफ रहे।
भारत ने मतदान से परहेज करते हुए, रूसी आक्रमण से यूक्रेन मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति को लोकर चिंता व्यक्त की है। साथ ही लोगों तक निर्बाध मानवीय पहुंच और सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने के आह्वान का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने कहा कि दुरुपयोग का यह पैटर्न आबादी वाले क्षेत्रों में विस्फोटक हथियारों के इस्तेमाल के कारण व्यापक रूप से जारी है। एक वीडियो संदेश में, बाचेलेट ने कहा कि अधिकांश हताहतों के लिए शायद रूसी सैनिक जिम्मेदार हैं।
बाचेलेट ने कीव और चेर्निहाइव में संयुक्त राष्ट्र की जांच रिपोर्टों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मानवाधिकार परिषद के सदस्यों को बताया कि सिर्फ कीव क्षेत्र में ही हजारों लोगों के शव मिले हैं। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त कई मानवाधिकार विशेषज्ञों ने यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद से यूक्रेन में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के उल्लंघन पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इनमें यूक्रेन में सैकड़ों-हजारों प्रवासी कामगारों और विदेशियों में से कुछ के खिलाफ दुर्व्यवहार शामिल है।