गरीबी, समस्याओं, अव्यवस्थाओं और लोकतंत्र से उठते विश्वास से पैदा हुई टीस और दर्द से ही कोई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनता है। यदि किसी के दिल में यह दर्द और टीस नहीं है, तो वह मोदी नहीं बन सकता है। केंद्र और राज्य में सरकार के प्रमुख के रूप में मोदी के 20 साल के सफर पर आधारित पुस्तक ‘मोदी@20, ड्रीम्स मीट डिलीवरी’ पुस्तक के विमोचन के अवसर गृह मंत्री अमित शाह ने यह बात कही। शाह ने कहा कि समाजसेवा और राजनीति के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह पुस्तक आने वाले दिनों में गीता बनकर उभरने वाली है
पुस्तक का विमोचन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राजनीति और सरकार में लंबे समय तक काम करने के अनुभवों को साझा करते हुए अमित शाह ने कहा कि सरकार के प्रमुख के रूप में 20 साल की उपलब्धियों को समझने के लिए उसके पहले उनके 30 साल के सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में किए गए कामों को समझना जरूरी है।इसी दम पर मोदी ने गरीबी से उठकर प्रधानमंत्री तक का, छोटे से कार्यकर्ता से लेकर देश व दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता होने का सफर तय किया है। संवेदना के साथ समस्याओं को समझना, उसका विश्लेषण करना और फिर समाधान ढूंढने के 30 साल के अनुभव ही कभी पंचायत तक का चुनाव नहीं लड़ने के बावजूद उन्हें सफल मुख्यमंत्री बना देते हैं।
नरेन्द्र मोदी पर जनता के अटूट विश्वास और लोकप्रियता को रेखांकित करते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्होंने मात्र खून के रिश्ते को तरजीह न देकर पूरे समाज को ही अपना परिवार बना लिया है। मोदी हमेशा रचनात्मक तरीके से उच्च लक्ष्यों के बारे में सोचते हैं, जिसे पिछले आठ वर्षों में दशकों पुरानी समस्याओं के संपूर्ण समाधान के रूप में देखा जा सकता है।
इस संबंध में शाह ने घर-घर बिजली पहुंचाने, शौचालय बनवाने, पक्का घर देने, गैस सिलेंडर देने, सभी गरीबों के लिए मुफ्त इलाज सुनिश्चित कराने जैसी योजनाओं का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि मोदी की सबको साथ लेकर चलने की नीति का परिणाम है कि नई शिक्षा नीति की कोई आलोचना नहीं हो सकी।