केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हवाला लेनदेन, आतंकी फंडिंग, आतंकी गतिविधियों, नकली मुद्रा, नशीले पदार्थों, बम धमाकों की धमकियों और गैरकानूनी हथियारों की तस्करी की निगरानी के लिए सरकार जल्द ही राष्ट्रीय डाटाबेस विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पहले दिन से ही सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति ह
नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड (नेटग्रिड) बेंगलुरु के परिसर का उद्घाटन करने के बाद शाह ने कहा कि खुफिया और कानूनी एजेंसियों को अब महत्वपूर्ण डाटा से जुड़ी बाधाओं के दूर होने के साथ उन्हें पूरी तरह इस्तेमाल करने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘डाटा विश्लेषण और सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से एजेंसियों के कामकाज के वर्तमान तौर-तरीकों में व्यापक बदलाव आना चाहिए।’ उन्होंने उम्मीद जताई कि नेटग्रिड डाटा के विभिन्न स्त्रोतों को जोड़ने की जिम्मेदारी बखूबी निभाएगा।
शाह ने कहा कि डाटा, दायरे और जटिलता के मामले में पूर्व की सुरक्षा चुनौतियों के मुकाबले आज सुरक्षा जरूरतें काफी बदल गई हैं। इसलिए कानूनी और सुरक्षा एजेंसियों के लिए विश्वसनीय स्त्रोतों से हासिल जानकारियों तक स्वचालित, सुरक्षित और तत्काल पहुंच की जरूरत है। सरकार ने डाटा एकत्रीकरण संगठनों से नेटग्रिड तक जानकारियों की पहुंच के लिए अत्याधुनिक और अनोखा सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के विकास और संचालन का काम सौंपा है। गृह मंत्री ने कहा कि नेटग्रिड में लगातार अपग्रेडेशन के लिए अंतर्निहित तंत्र होना चाहिए और देश में हुए विभिन्न अपराधों के तरीकों का डाटाबेस बनाने के लिए नेटग्रिड में एक अध्ययन समूह होना चाहिए।
एजेंसियों से इस प्रणाली के इस्तेमाल में सतर्कता बरतने का अनुरोध करते हुए शाह ने कहा कि इसका इस्तेमाल सिर्फ सही उद्देश्यों के लिए होना चाहिए। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जहां तक संभव हो प्रणाली से डाटा का इस्तेमाल कुशलता में सुधार के लिए किया जाए। गृह मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि डाटा की निजता और सुरक्षा बेहद गंभीर मामला है और उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी नागरिक के निजी डाटा तक अनाधिकृत पहुंच न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी प्रोटोकाल निर्धारित किए गए हैं।