बॉलीवुड, दक्षिण भारतीय और अंग्रेजी फिल्मों में अभिनय करने वाले, टेलीविजन और फिल्म अभिनेता सलीम घोष का गुरुवार को मुंबई में कार्डियक अरेस्ट के चलते निधन हो गया। उनकी पत्नी अनीता और बेटे अरयामा के अनुसार, 70 वर्षीय सलीम घोष को बुधवार देर रात वर्सोवा के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ।
चेन्नई में जन्मे और वहीं शिक्षित हुए, घोष ने बाद में एफटीआईआई, पुणे से स्नातक किया, और फिर सिनेमाघरों में उतर गए। वह एक मार्शल आर्ट विशेषज्ञ भी थे। भारत एक खोज, वागले की दुनिया, ये जो है जिंदगी, और सुबाह में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले, सलीम घोष ने बॉलीवुड और दक्षिण भारत में समान लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने साल 1978 में फिल्म स्वर्ग नार्क के साथ अपने अभिनय की शुरुआत की। इसके बाद कुछ सबसे बड़े सितारों और बैनरों के साथ भी कई फिल्मों में नजर आए। डीडी पर आने वाला ‘सीरियल भारत एक खोज’ इनमें सबसे अहम था। इस शो से उन्हें घर-घर में पहचान मिली थी।
सलीम घोष को उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए जाना जाता था, उन्होंने चक्र (1981), सारांश और मोहन जोशी हाजीर हो जैसी कई पुरस्कार विजेता फिल्मों में उल्लेखनीय भूमिकाएं निभाईं। इसके अलावा वो दोनों (1984), और त्रिकाल (1985) में भी नजर आए। साथ ही कोयला में शाह रुख खान के साथ देखा गया, इसके अलावा मुजरिम, शपथ, कमल हासन की वेट्री विज़ा, मोहनलाल की थजवरम और वेल डन अब्बा जैसी फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। उन्हें आखिरी बार तमिल फिल्म का (2022) में देखा गया था।
उनके बारे में कहा जाता है कि जितनी आसानी से वो हिंदी के डायलॉग्स बोलते थे, उतने ही वो तमिल, तेलुगु, मलयालम और अंग्रेजी जैसी कई भाषाओं में संवाद बोलते में सहज थे। उनकी अन्य फिल्मों में द्रोही (तेलुगु में भी), चिन्ना गौंडर (दोनों 1992), मणिरत्नम की थिरुदा थिरुदा (1993), सरदारी बेगम (1996) शामिल हैं। सोल्जर (1998), इंडियन (2001), और मिस्ड कॉल (2005)।