जम्‍मू-कश्‍मीर दौरे पर पीएम मोदी के ऊपर आपत्ति जताने वाले पाकिस्‍तान को करारा जवाब

प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) के जम्मू-कश्मीर दौरे पर बयान देने वाले पाकिस्‍तान को भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्‍तान को प्रधानमंत्री मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्‍तान ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से चिनाब नदी पर रतले और क्वार पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण की आधारशिला रखने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह सिंधु जल संधि का ‘प्रत्यक्ष उल्लंघन’ है।
पाकिस्तान को लेकर भारत के रुख में बदलाव के मसले पर पूछे गए सवाल पर बागची ने कहा कि भारत का रुख बहुत सीधा है कि ऐसा एक माहौल होना चाहिए जिसमें आतंकवाद नहीं हो। शांतिपूर्ण माहौल में ही बातचीत हो सकती है। हमारा मुख्य मुद्दा हमेशा यही रहा है। यह हमारी जायज मांग है… कोई बदलाव नहीं है।

उल्‍लेखनीय है कि पीएम मोदी रविवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे। उन्‍होंने इस यात्रा के दौरान रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर 850 मेगावाट की रतले और 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना का निर्माण किया जाना है। इन परियोजनाओं पर क्रमश: लगभग 5,300 करोड़ रुपये और 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। पीएम मोदी के दौरे से बौखलाए पाकिस्‍तान ने इसे घाटी में सामान्य स्थिति दिखाने की चाल बताया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी नहीं करने के मसले पर भी सरकार का पक्ष रखा। उन्‍होंने कहा कि हम चीन के शंघाई जैसे शहरों में कोरोना महामारी की स्थिति से अवगत हैं… चीन के लिए पर्यटक वीजा को फिर से शुरू करने का यह सही समय नहीं है। चीन ने स्वयं भारतीयों को वीजा जारी नहीं किया है। यह 2020 से निलंबित (भारत को वीजा जारी करना) है…
अरिंदम बागची ने कहा कि ‘वंदे भारत’ (ट्रेन) के कुछ घटक यूक्रेन में बने हैं। यूक्रेन में लड़ाई के कारण डिलीवरी शेड्यूल प्रभावित हुआ है। हम समय पर डिलीवरी के लिए विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। वैसे रेल मंत्रालय इन घटकों की डिलीवरी के बारे में सटीक विवरण देगा। सनद रहे हाल ही में पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत ने यूक्रेन की कंपनी को वंदे भारत ट्रेनों के लिए 36 हजार पहियों के सेट का आर्डर दिया था। यूक्रेन में जारी लड़ाई से इस पर असर पड़ा है। फ‍िलहाल 128 पहियों को रोमानिया लाया गया है।