वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आपस में जुड़ी दुनिया में प्रतिबंधों के अनपेक्षित परिणाम हो सकते हैं और भारत उनके माध्यम से काम करने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि इस साल फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के कारण मास्को के साथ द्विपक्षीय व्यापार में गिरावट आई है। चल रहे युद्ध ने ऊर्जा की कीमतों और खाद्यान्न की कमी को भी बढ़ावा दिया।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में बोलते हुए, सीतारमण ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख अपने आर्थिक और सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, भारत की स्थिति ना केवल उसके आर्थिक हितों के लिए है, बल्कि उसके सुरक्षा हितों के लिए भी है। भारत ने इस संदर्भ में जो भी फैसला किया है, वह भारत की भू-राजनीतिक स्थिति के कारण है।’ उन्होंने कहा कि प्रतिबंध का ना केवल उस देश पर प्रभाव पड़ता है जिस पर इसे लगाया जाता है बल्कि कई अन्य देश भी इससे प्रभावित होते हैं। महंगाई पर बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि परस्पर जुड़ी दुनिया में यह तेजी से फैलती है। इस बार महंगाई अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को बढ़ाने से नहीं बढ़ी है बल्कि इसका कारण रूस-यूक्रेन युद्ध है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निवेशकों को भरोसा दिया कि सरकार देश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सभी समस्याओं को दूर करने के लिए हरसंभव उपाए करेगी। सैन फ्रांसिस्को में ‘भारत की डिजिटल क्रांति में निवेश’ विषय पर आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में यह बात कही। इस दौरान वित्त मंत्री ने निवेशकों की चिंताओं को समझने और उनका समाधान करने का वादा किया। सीतारमण ने कहा कि वह सुझाव लेने, परेशानी की वजह समझने और जहां भी संभव हो, जरूरी उपाए करने के लिए तैयार हैं।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने एक बहुत ही सक्रिय स्टार्टअप सेल की स्थापना की है और भारतीय स्टार्टअप में रुचि रखने वालों को विभाग के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।’ बैठक में सिलिकान वैली के निवेशकों ने कहा कि भारत में यूनिकार्न कंपनियां तैयार करने की अपार संभावनाएं हैं।