प्रशांत किशोर को कांग्रेस के शामिल करने के मुद्दे पर फिलहाल अब विराम लग गया है। उन्होंने पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया है। इसकी पुष्टि न सिर्फ कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने की है, बल्कि खुद प्रशांत किशोर ने भी ट्वीट कर की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को उनसे अधिक एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है, जो साझा प्रयास के जरिए पार्टी की आंतरिक समस्याओं को हल कर उसको दोबारा जमीन से जुड़ने में मदद कर सके। इसके लिए पार्टी को बड़े बदलाव या ट्रांसफार्मेशनल रिफार्म की जरूरत होगी
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में कहा है कि उन्होंने कांग्रेस से मिले उस आफर को ठुकरा दिया है, जिसमें उनसे पार्टी ज्वाइन करने की अपील की गई थी। उनके मुताबिक, उन्हें एंपावर्ड एक्शन ग्रुप की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें चुनाव को लेकर रणनीति तैयार करनी थी प्रशांत किशोर का कहना है कि वो मानते हैं कि पार्टी में सुधार की जरूरत है। गौरतलब है कि बीते करीब 15 दिनों से प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के बीच बैठकों का लंबा दौर चला था। ये बैठकें 2024 में होने वाले आम चुनाव में पार्टी को आगे बढ़ाने के मकसद से हुई थीं। प्रशांत किशोर ने इसके लिए एक डिटेल प्रजेंटेशन भी पार्टी के सामने रखा था
बता दें कि पिछले वर्ष अक्टूबर में लखीमपुर खीरी मामले के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा था कि लोग विपक्ष की तरफ टकटकी लगाकर देख रहे हैं, जिसको वर्षों पुरानी कांग्रेस पार्टी लीड कर रही है। हालांकि, इससे पहले पार्टी को अपने जड़ों में जाकर समस्याओं को सुलझाना होगा और अपनी कमजोरियों को दूर करना होगा। उनका कहना था कि कांग्रेस के ऊपर लोगों की नजरें हैं, लेकिन लोगों को यहां पर निराशा ही मिली। अफसोस की बात है कि इतनी पुरानी पार्टी में अपनी कमजोरी और समस्याओं को दूर करने के लिए कोई सोल्यूशन ही नहीं था।
इससे पहले रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक एपवार्ड एक्शन ग्रुप 2024 का गठन किया है और प्रशांत किशोर को पार्टी ज्वाइन करने का आफर दिया था, जिसको उन्होंने ठुकरा दिया। सुरजेवाला ने ये भी कहा कि प्रशांत किशोर के दिए प्रजेंटेशन के बाद ही सोनिया गांधी ने इसका गठन किया था। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि किशोर ने अपनी प्रजेंटेशन में सुझाव दिया था कि कांग्रेस को यूपी समेत बिहार ओडिशा में अकेले अपने दम पर मैदान में उतरना चाहिए और तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में दूसरे दलों से समझौता करना चाहिए। इस पर राहुल गांधी भी तैयार थे।
आपको बता दें कि हाल ही में हुए पांच विधानसभा चुनाव परिणामों में मुंह की खाने के बाद कांग्रेस ने प्रशांत किशोर से संपर्क किया था। इन परिणामों ने कांग्रेस को जबरदस्त झटका दिया था। इसके बाद भी कांग्रेस को आने वाले आम चुनाव को लेकर उम्मीद है कि वो अच्छा प्रदर्शन करके दिखाएगी। हालांकि उसको आम आदमी पार्टी और टीएमसी से जबरदस्त टक्कर मिल रही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलेतौर पर प्रशांत किशोर के पार्टी में शामिल करने पर सवाल उठाए थे। उन्होंने प्रशांत किशोर को एक ब्रांड बताया था। हालांकि उनके इस बयान पर पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरप्पी माइली ने कटाक्ष किया था और कहा था कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वो पार्टी में बदलाव या सुधार के विरोधी हैं।