मिश्रित सीतापुर/ तमाम जद्दोजहद के बाद दर्ज हुई नाबालिग बालिका के साथ एक हावसी दरिंदे द्वारा जबरिया दुराचार किए जाने की रिपोर्ट फिर नामजद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर कई दिनों तक रखा गया कोतवाली पर पुलिस हिरासत में वहीं दूसरी तरफ बयान कराने के नाम पर पीड़ित बालिका को भी पुलिस अभिरक्षा में कई दिनों तक रखा गया अन्तत: तिकड़म की पैरवी करके पुलिस ने पीड़िता को भिजवा दिया नारी निकेतन लखनऊ और हिरासत में मौजूद मुख्य आरोपी को कोतवाली से छोड़कर कर दिया नौ दो ग्यारह। जी हां चौंकिए नहीं यह सनसनीखेज मामला है मिश्रित कोतवाली पर दर्ज अपराध संख्या 167 / 22 धारा 376/ 506 /3/4 पास्को एक्ट के तहत पंजीकृत नामजद रिपोर्ट का जिसके मुख्य आरोपी को दो दिन पहले कोतवाली से छोड़कर अब हेरफेर में माहिर पुलिस ने यह कहना शुरू कर दिया है कि मुख्य आरोपी गिरफ्त में ही नहीं आया है अहम तो यह है कि थाना कोतवाली पर लगा सीसीटीवी अगर चालू है तो उसकी फुटेज जरूर कैमरे में कैद हुई होगी अगर खराब है तो कितने दिनों से ? उसको ठीक कराने की दिशा में कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है विभागीय उच्चाधिकारियों के लिए प्रकरण जहां जांच का गंभीर विषय उत्पन्न करता है वहीं सूबे के मुखिया के सामने भी इस बात को उठाता है कि क्या इसी तरह सुदृढ़ होगी कानून व्यवस्था आखिर पीड़ितों को कैसे मिलेगा न्याय मिश्रित क्षेत्र के ग्राम सिवथान का उक्त प्रकरण क्षेत्र में जहां चर्चा का विषय बना हुआ है वहीं पीड़िता की मां और चाचा प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर राज्य महिला आयोग के साथ ही जनपद के पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाते हुए घूम रहे हैं। परिणाम क्या होगा अभी तो भविष्य के गर्भ कैद है।