कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगले माह तेलंगाना दौर पर जाएंगे। दो दिवसीय इस दौरे के दौरान वे किसान संघर्ष सभा को वारंगल में संबोधित भी करेंगे। एएनआई से बात करते हुए तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख और सांसद रेवांथ रेड्डी ने बताया कि राहुल गांधी 6-7 मई को प्रदेश आएंगे। राहुल गांधी का तेलंगाना दौरे का सबसे प्रमुख मकसद किसानों के मुद्दे हैं। उनका कहना है कि प्रदेश में किसान संकट में हैं। रेड्डी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार किसानों का अनाज खरीद नहीं रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने किसाना का ऋण माफ करने का वादा किया था जब उन्होंने इस बारे में भी अब तक कुछ नहीं किया है। यही वजह है कि किसान अब इसके खिलाफ संघर्ष शुरू करने वाली है। राहुल गांधी वारंगल की किसान संघर्ष सभा में इन्हीं मुद्दों को उठाएंगे।
रेड्डी ने ये भ आरोप लगाया कि भाजपा और टीआरएस दोनों अंदरखाने मिली हुई हैं और साजिश रच रही हैं। पीएम मोदी और केसीआर दोनों ही एक हैं। कांग्रेस इन दोनों के ही खिलाफ लड़ रही है। किसानों के मुद्दे को कांग्रेस ने संसद में भी उठाया था। लेकिन, पीएम मोदी ने उनकी बात नहीं सुनी। कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया, लेकिन वहां पर भी किसी ने इस पर तवज्जो नहीं दी। अब कांग्रेस ने इस मुद्दे को सड़क से लेकर संसद तक में उठाने का फैसला किया है। हम किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरेंगे और राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ लोगों को जागरुक करेंगे।
कांग्रेस सांसद का कहना है कि ये राज्य और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वो किसानों की फसल को बेकार न जाने दें और उनकी खरीद करें। पीएम मोदी और केसीआर सरकार इस मुद्दे पर एक दूसरे के ऊपर आरोप लगा रहे हैं। इसकी वजह से किसानों के हालात लगातार खराब हो रहे हैं। जब से राहुल गांधी के तेलंगाना आने की तारीख तय हुई है तब से केसीआर भी अलर्ट हो गए हैं और अब जाकर उन्होंने धान खरीद का फैसला भी किया है। उन्होंने मांग की कि उन किसानों को जिन्होंने अपनी धान को एमएसपी से भी सस्ती दर पर बड़ेव्यापारियों को बेचा है, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए
बता दें कि टीसीआर सोमवार को दिल्ली में भाजपा सरकार के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन करने वाले हें। ये विरोध प्रदर्शन केंद्र की धान खरीद की नीति के खिलाफ है। केसीआर का कहना है कि राज्य सरकार तीन से चार दिनों के अंदर किसानों से धान खरीद करेगी। उन्होंने राज्य के किसानों से अपील की है कि वो अपनी फसल को एमएसपी से कम कीमत पर किसी को भी न बेचें।