सौरभ यादव / तिल्दा नेवरा ,,,नवरात्रि का नौवे दिन शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के सभी देवी मंदिरों से जोत जवारा का विसर्जन किया गया|कुछ मंदिरों में 9 कन्याओं की पूजा कर भोजन भी कराया गयाजोत जंवारा विसर्जन में सड़कों पर भक्ति उल्लास छाया रहा। नंगे पैर महिलाएं,सिर पर कलश धारण किए चल रहीं थी। धूप की तपन से बचाने के लिए सेवादार सड़कों पर पानी का छिड़काव करते चल रहे थे।श्रद्धालुओं की आस्था देखकर कई घर के सामने लोग घरों से पाइप के जरिये सड़क पर पानी डालकर ठंडक पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे।जोत जवारा विसर्जन को लेकर मंदिरों में पहले ही तैयारी कर ली गई थी। रविवार को मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धि दात्री का विशेष श्रृंगार कर पूजा-अर्चना की गई।आरती के पश्चात जवारा विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ।।सबसे पहलेघरों में प्रज्वलित की गई जोत विसर्जित की गई।लगभग 12 बजे शहर वासियों के आस्था का केंद्र महामाया मंदिर से ज्योति विसर्जन के लिए यात्रा निकाली गई। महामाया मंदिर से यात्रा निकलने के पहले ही आसपास के मंदिरों से जोत जवारा यात्रा निकाली गई जो महामाया मंदिर के पास आकर रुक गई। मान्यता है कि पहले महामाया मंदिर की ज्योत चलेगी उसके पीछे बाकी सारी चलती है। महामाया मंदिर से निकाली गई जोत जवारा विसर्जन यात्रा के साथ अन्य मंदिरों की भी जोत विसर्जन यात्रा नेवरा के बड़े तालाब पहुंची और विदि विधान के साथ पूजा अर्चना कर विसर्जित की गई।जोत जवारा विसर्जन यात्रा में अनेक युवा, बच्चे अपने हाथ, गालों पर तेज धार वाले छोटे भाले, तीर चुभोकर चल रहे थे। इसे सांग बाना धारण करना कहा जाता है। विसर्जन करने के लिए नेवरा के बड़े तालाब में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था ।तिल्दा बस्ती मावली माता मंदिर,बगदई माता मंदिर सरोरा रोड.के मंदिर से जोत जवारा विसर्जन यात्रा निकाली गई।शीतला माता मंदिर नेवरा तुलसी. शीतला महामाया मंदिर सरोरा.कुंदूरु. सिरवे , बहेसर . बरतोरी, में भी जोत जवारा का विसर्जन किया गया।