पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से डिप्टी स्पीकर द्वारा नेशनल असेंबली (संसद) भंग करने की कार्यवाही को खारिज करते हुए पाकिस्तानी संसद को फिर से बहाल कर दिया। गुरुवार को आए फैसले में कोर्ट ने कहा कि नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर नौ अप्रैल को सुबह दस बजे से अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही शुरू होगी।
अविश्वास प्रस्ताव में इमरान खान यदि हार जाते हैं तो नेशनल असेंबली को नया पीएम ( वजीर-ए-आजम)चुनना चाहिए। ऐसे में शाहबाज शरीफ के अगले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने की संभावना प्रबल हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विपक्षी दलों का कहना है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने शानदार फैसला लेते हुए मुल्क बचा लिया है। शहबाज शरीफ़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा फैसला दिया है जिससे न सिर्फ पाकिस्तान का संविधान बच गया बल्कि पाकिस्तान बच गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला देकर अपनी प्रतिष्ठता और आजादी में चार चांद लगा दिए हैं। उन्होंने कहा कि इससे संसद की गरिमा बहाल हुई है।
ज्ञात हो कि अदालत ने सुनवाई में विभिन्न पक्षों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख वकीलों के अलावा पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज के अध्यक्ष और मुख्य विपक्षी नेता शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की और नेशनल असेंबली भंग किए जाने की घोषणा के कारण अनिश्चितता के मद्देनजर आगे के रास्ते पर उनके विचार पूछे। शहबाज ने कहा कि देशद्रोही करार दिए जाने के बाद विपक्षी नेता कैसे चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं।उन्होंने फैसला करने के लिए इसे अदालत पर छो़ड़ दिया, लेकिन कानून के शासन का पालन करने का आग्रह किया और कहा कि देशद्रोही कहे जाने के बाद हम अपने परिवारों का भी सामना नहीं कर सकते। वे डिप्टी स्पीकर के फैसले का जिक्र कर रहे थे कि अविश्वास प्रस्ताव को तथाकथित विदेशी साजिश से जोड़ा गया था।
शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रसिद्ध राजनेता हैं। फिलहाल नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता हैं। वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज समूह) के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं। वह 1950 में लाहौर में पैदा हुए। वह पाकिस्तान के सबसे घनी आबादी वाले प्रांत पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हैं। शहबाज शरीफ 2008 से 2018 तक पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे। 1999 में मुशर्रफ सरकार पर कब्जा कर लेने के बाद वह सऊदी अरब में निर्वासित रहे। 11 मई 2004 को उन्होंने पाकिस्तान वापस आने की कोशिश की, मगर लाहौर के अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उन्हें वापस भेज दिया गया।
शाहबाज शरीफ प्रसिद्ध कश्मीरी निर्माता मोहम्मद शरीफ के बेटे हैं। उनकी पहली शादी उनके पिता की अनुमति 1973 में नुसरत शाहबाज से हुई थी, जिनसे उनके दो बेटे हमजा शाहबाज और सलमान शाहबाज और तीन बेटियां हैं। हमजा शाहबाज पाकिस्तान के राजनीतिज्ञ है और नेशनल असेंबली के सदस्य भी हैं। सलमान शाहबाज ने लंदन के आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अध्ययन किया। वह व्यापार करने में शामिल रहे हैं। उन्होंने 1993 में दूसरी शादी सदा हनी से की, जिनसे उनकी एक बेटी खदीजा हैं। उन्होंने अपनी सदा हनी को निर्वासन के दौर में सऊदी अरब में तलाक दे दिया था।
पिछले साल सितंबर के महीने में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को सात अरब रुपये के मनी लान्ड्रिंग का आरोप में गिरफ्तार किया गया था। प्रधानमंत्री इमरान खान के आंतरिक और जवाबदेही मामलों के सलाहकार शहजाद अकबर ने पिछले साल 23 सितंबर को आरोप लगाया था कि शहबाज और उनके बेटे हमजा तथा सलमान ने फर्जी खातों के जरिए लॉन्ड्रिंग को अंजाम दिया। अविश्वास मत प्रस्ताव से पहले देश के नाम संबोधन में इमरान खान ने कहा था कि यदि विपक्ष के नेता और पीएमएल (एन) नेता) शाहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री का पदभार संभाला तो वे अमेरिका की गुलामी करेंगे। साथ ही उन पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।