डलमऊ /रायबरेली- ग्राम पंचायतों में लाखों रुपए खर्च करके बनाए गए सामुदायिक शौचालय गांव में शोपीस बने हुए कहीं पर पानी की व्यवस्था नहीं है तो कहीं पर समय से ताला नहीं खुलता कई शौचालय तो ऐसे हैं कि वहां पर रखरखाव के लिए प्रतिमाह भुगतान किया जाता है लेकिन उपयोग नहीं हो रहा है पंचायती राज विभाग के द्वारा प्रतिमाह करोड़ों का बजट खर्च करते हुए भी लोगों को उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है विकासखंड डलमऊ के सभी 76 ग्राम पंचायतों में 4 से 5 लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत कराया गया योजना का उद्देश्य था कि दलित बस्ती में लोगों को इसका उपयोग हो सके लेकिन लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए और शौचालय का उपयोग नहीं हो पा रहा ग्राम पंचायत आंबा में बना शौचालय शो पीस बना हुआ है वहां पर ताला लटकता रहता है यही हाल नरेंद्रपुर में बने सामुदायिक शौचालय का है संबंधित समूह को भुगतान तो प्रतिमाह कर दिया जाता है लेकिन समय से ताला नहीं खोला जाता अभी तक पानी की व्यवस्था नहीं की गई दीनगंज में बना हुआ सामुदायिक शौचालय सिर्फ शो पीस बना ताला लटकता रहता है जिस समूह को संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है वह काम नहीं कर रहा है यही हाल लगभग सभी ग्राम पंचायतों का है ऐसे में केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही सबसे भारत मिशन योजना पर भी ग्रहण लगता दिख रहा है 2 अप्रैल से संचारी रोग भी चलाया जा रहा जिससे गांव में लोगों को स्वच्छता संबंधी जानकारी दी जाए और घर-घर लोगों को जागरूक किया जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग आशा बहुओं एवं बाल विकास पुष्टाहार के कर्मचारियों को लगाया गया है। लेकिन योजनाओं का संचालन सिर्फ कागजों पर ही चल रहा है खंड विकास अधिकारी डलमऊ प्रदीप कुमार यादव से इस संबंध में बात की तो उन्होंने ने बताया कि सामुदायिक शौचालयों के रखरखाव की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह को दी गई है यदि कहीं पर भी स्वयं सहायता समूह काम कर नहीं कर रहे हैं। तो उनका मानदेय रोककर अन्य को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी अगर कहीं पर अभी भी शौचालय की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह को नहीं दी गई है तो जल्द ही प्रक्रिया पूरी की जाएगी जो भी शौचालय बंद रहते हैं। उनकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।