संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता देव ने कहा कि मैं वैचारिक मतभेदों के कारण भाजपा में शामिल नहीं होऊंगा, मेरे परिवार की पांच पीढ़ियां कांग्रेस में रही हैं और मैं भी पार्टी नहीं छोड़ रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए कांग्रेस से आगे सोचना भी मुश्किल है। उन्होंने आगे कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल से नहीं मिला हूं लेकिन यह सच है कि राजनीति में ऐसे लोग होते हैं जो एक-दूसरे से संपर्क करते हैं। इसलिए, ऐसा नहीं है कि किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया। लेकिन मैंने उनसे भी वही कहा है जो अब भी कह रहा हूं।
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ उनके विवाद बहुत पुराने हैं और दोनों नेताओं में खासी बनती भी नहीं है। 2018 के विधानसभा चुनावों में भी सिंह देव मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदारों में से एक थे। वहीं कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद मुख्यमंत्री के चयन के समय उन्हें तीन अन्य नेताओं के साथ पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली भी बुलाया गया था।
पिछली बार सीएम बनने की रेस में चार लोगों में टीएस देव समेत भूपेश बघेल, चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू शामिल थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीतिक हलचल अभी से तेज हो गई है।