राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को 31 मई 2022 तक बंगला खाली करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शरद यादव को मानवीय आधार पर संसद सदस्य के रूप में आवंटित सरकारी बंगले को खाली करने के लिए 31 मई तक समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शरद यादव को एक सप्ताह के भीतर एक हलफनामा देने को कहा कि वह कब तक बंगला खाली कर देंगे। एक सप्ताह के भीतर अंडरटेकिंग जमा नहीं करने की स्थिति में यादव को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बंगले को तत्काल खाली करना होगा।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, संजीव खन्ना और सूर्यकांत की पीठ ने कहा, ‘वकील को सुनने के बाद, हमारा विचार है कि न्याय का अंत विशुद्ध रूप से मानवीय आधार पर होगा, याचिकाकर्ता को 31 मई, 2022 के भीतर बंगले को खाली करने का समय दिया जाता है, बशर्ते कि वह उक्त तारीख को या उससे पहले खाली हो जाए।’ शरद यादव को साल 2008 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का कार्यकारी संयोजक बनाया गया था। बाद में उनकी पार्टी के एनडीए से अलग हो जाने के बाद उन्होंने संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर अंडरटेकिंग दायर की जाएगी। अगर इसे दायर करने में याचिकाकर्ता विफल रहता है तो वो 31 मई तक बंगाल खाली करने का लाभ खो देगा और उसे हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार बंगले को तुरंत खाली करना होगा।