जैसा कि आप लोग इसका शीर्षक देखकर ही कुछ अंदाजा लगा लिए होंगे कि यह लेख किस पर आधारित होगा।
जी हां आज मैं अपने इस लेख में कांग्रेस EVM और आज के बारे में लिखा हूं।
जैसे कि आप सभी लोग जानते होंगे कि इस देश में एक से एक नई तकनीक लाने वाली कांग्रेस पार्टी ही है। चाहे वह बड़े बड़े उद्योग धंधे हो, चाहे अस्पताल हो, चाहे कंप्यूटर हो और भी बहुत सारी तकनीकी।
जब कांग्रेस कंप्यूटर लेकर आई थी तो यही संघ/अटल बिहारी बाजपेई संसद के सामने बैलगाड़ी यात्रा निकाले थे और इन्हीं संघ/अटल बिहारी की सरकार ने नोटों पर से अशोक स्तंभ को हटाकर गांधी जी की फोटो को लगाया गया था । और इन्हें संघ/अटल बिहारी की सरकार में सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में देने के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया था। और इसी संघ/अटल बिहारी की सरकार में कर्मचारियों की पेंशन को भी खत्म किया गया था।
इन सब घटनाओं का जिक्र करना थोड़ा जरूरी था क्योंकि जब कांग्रेस की बात हुई तो संघ/भाजपा की भी बात होनी जरूरी थी। ईवीएम जैसा कि कांग्रेस बहुत सारे टेक्नोलॉजी को लेकर आई जो काफी अच्छी और लाभदायक थी । उसी कड़ी में कांग्रेस ने ईवीएम मशीन को भी लाया जो उस दौर के हिसाब से और सोच के अनुसार कार्य करती जिससे वोट देने में आसानी थी और मतदान करने में भी काफी आसानी थी।
पर यह जरूरी नहीं कि जो चीज पहले कारगर और अच्छी थी आज भी वह कारगर और अच्छी ही हो आज उस मशीन के साथ छेड़छाड़ हो रही है और जनता को दिए गए वोटिंग अधिकार को मशीन के माध्यम से कंट्रोल किया जा रहा है और अपने अनुसार परिणाम को भी बनाया और बिगाड़ा जा रहा है।
जो लोग यह कहते हैं कि ईवीएम मशीन में गड़बड़ी नहीं हो सकती चलो मैंने मान लिया पर वे लोग मेरी एक बात का जवाब दे कि मशीन जब भी गड़बड़ होती है तो भाजपा को ही वोट क्यों जाता है। किसी अन्य पार्टी को वोट क्यों नहीं जाता।
मेरे अनुमान के अनुसार कांग्रेस इसलिए विरोध नहीं कर पा रही की वही इस मशीन को लाई है और उसके द्वारा लाई गई मशीन खराब नहीं हो सकती, पर उस मशीन के साथ बड़े स्तर पर हेराफेरी हो रही है फिर भी राष्ट्रीय पार्टियां मौन है। क्षेत्रीय पार्टियां भी उन्हीं के साथ में हैं और चुनाव प्रक्रिया का विरोध कर सके की जब तक चुनाव बैलेट पेपर से नहीं होगा तब तक बाकी की कोई भी राजनीतिक पार्टी इस चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेगी।
जबकि जो देश ईवीएम मशीन को बनाया था। वह देश खुद अपने यहां चुनाव प्रक्रिया से ईवीएम को हटा दिया। पर भारत देश की और यहां के राजनीतिक पार्टियों की ऐसी कौन सी मजबूरी है जो अभी भी ईवीएम मशीन से ही वोट कराना चाह रही हैं।
जब परीक्षाएं कंप्यूटर या मोबाइल से कराने की बात होती है तो हम सभी यह दुआएं देते हैं यह तर्क देते हैं कि बच्चों का इससे भविष्य खराब हो जाएगा और उनके सोचने और समझने की स्थिति क्षीण हो जाएगी पर यहां मशीन से वोट कराने में देश और देश की जनता का जो भविष्य खराब हो रहा है उसका क्या?
और जब वैलेट पेपर की बात होगी उसकी साथ एक बात और जुड़ कर आएगी इसमें जो बाहुबली या दबंग जैसे नेता बूथ कैपचरिंग करवा लेंगे। पर यह एक गलत और निराधार लॉजिक है। अगर बूथ कैपचरिंग होता है तो उसकी सूचना तुरंत वहां के प्रशासन स्थानीय लोग और फिर बाकी लोगों को हो जाती है और वहां की चुनाव को निरस्त कर के केंद्रीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी में दोबारा से मतदान कराया जा सकता है। पर मशीन के साथ गड़बड़ी पर किसी को भी कोई सूचना प्राप्त नहीं होगी ।क्योंकि मशीनें जितनी अच्छी हैं उतनी ही खतरनाक भी है, मशीनों के परिणाम आसानी से बदले जा सकते हैं।
ईवीएम हटाओ देश बचाओ
इंजी अलप भाई पटेल