तुर्की में चर्चा करने जा रहे हैं रूस और यूक्रेन, 33 दिनों के बाद शांति की उम्मीद

बीते 32 दिनों से संघर्ष में जुटे रूस और यूक्रेन जल्द ही तुर्की में शांति वार्ता कर सकते हैं। दोनों पक्ष इस सप्ताह बातचीत को लेकर सहमत हो गए हैं। यह बैठक 28 से 30 मार्च के बीच आयोजित हो सकती है। इस बात की जानकारी यूक्रेन के राजनेता डेविड अरखामिया ने फेसबुक पोस्ट के जरिए दी थी। हालांकि, इससे पहले भी दोनों पक्ष मौजूदा स्थिति पर कई बार बात कर चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ठोस मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है।
रूस की ओर से बातचीत करने वाले व्लादिमीर मेडिंस्की ने इस बात की पुष्टि की है कि अगली शांति वार्ता तुर्की में होगी। उन्होंने का कि बातचीत मंगलवार (29 मार्च) को शुरू होगी और बुधवार (30) मार्च को खत्म होगी। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने कहा कि दोनों देशों के बीच 6 में से 4 बिंदुओं पर समझ बन गई है।
दोनों देशों के बीच युद्ध का आज 33वां दिन है औऱ यूक्रेन के शहरों पर रूस की कार्रवाई जारी है। खबर है कि रूस अब डोनेत्सक और लुहान्सक क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। इन दोनों क्षेत्रों को सामूहिक रूप से डोनबास क्षेत्र कहा जाता है। साल 2014 से ही क्षेत्र पर रूस समर्थित अलगाववादियों का आंशिक रूप से कब्जा है। रूस समर्थित अलगाववादी यूक्रेन के क्षेत्रों को डोनेत्सक पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्सक पीपुल्स रिपब्लिक कहते हैं।
दोनों देशों के बीच चर्चा से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की ने रूस के न्यूज संगठनों कहा था कि उनका देश रूस की ‘निष्पक्षता’ की मांग के बारे में गंभीरता से अध्ययन कर रहा है। इससे पहले हुए बैठकों के दौरान रूस ने कीव से ऑस्ट्रिया या स्वीडन जैसी न्यूट्रल या निष्पक्ष रहने की मांग की थी। खास बात है कि अंतरराष्ट्रीय कानून कहता है कि न्यूट्रल देश युद्ध में शामिल सभी देशों से निष्पक्ष व्यवहार करेंगे और साथ ही कोई सैन्य सहयोग देने से भी बचेंगे।