बहराइच : भारत-नेपाल सीमा से सटे जिले में नशे का कारोबार बढ़ रहा है। कारोबारी चिह्नित हैं, बावजूद इसके पुलिस शिकंजा कसने में नाकाम है। स्मैक, चरस, ब्राउन शुगर, गांजा, अवैध शराब व अन्य नशीले पदार्थों की खेप कहां से बहराइच आ रही है, किसी को नहीं पता। जिस तरीके से जिले में नशीले पदार्थो के सौदागरों का ठिकाना बढ़ता जा रहा है, उसे देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बहराइच उड़ता पंजाब बनने की ओर बढ़ रहा है। सीमा के रास्ते बड़े पैमाने पर नशे की खेप जिले के अलग-अलग स्थानों पर कैरियरों के माध्यम से पहुंचाई जा रही है। किशोर से लेकर युवा तक रोजाना ड्रग्स का शिकार बनते जा रहे हैं। बावजूद इसके नशे के कारोबार पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। किशोर व युवाओं का भविष्य गर्त में जा रहा है। छोटे-छोटे बच्चों को भी 100 रुपये में आसानी से स्मैक की पुड़िया मिल रही है। वे घरों से रुपये चुराकर ड्रग्स खरीद रहे हैं।
भारत-नेपाल सीमा से सटे रुपईडीहा क्षेत्र के घसियारन मुहल्ला, बरथनवा, नई बस्ती, मुस्लिम बाग के आसपास, पचपकरी बाबागंज, रंजीतबोझा व रानीपुरवा इलाका स्मैक व अन्य नशीले पदार्थों की मंडी के रूप में विख्यात हैं। कोतवाली नानपारा के कसाई मंडी, राजा कोठी व पुरानी बाजार के आसपास का इलाका, बाईपास, छूटे गांव के पास, हकीमपुरवा, ककरी व सलीकाबाद समेत तकरीबन एक दर्जन स्थानों बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार चल रहा है।
सवांददाता: अनिल मौर्य