मेरा गांव मेरी धरोहर सर्वे के तहत गांव के संस्कृति धरोहर की सूचना को मोबाइल में कैद किया जाएगा, जिससे अपनी गांव अपनी माटी अपनी धरोहर से लोग जुड़ सकेंगे। भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय और सीएससी ई-गवर्नेस के मध्य में अनुबंध किया जा चुका है। जिले में योजना का परीक्षण भी किया जा चुका है। पायलेट सर्वे के दौरान जिले के कुछ पंचायतों में सीएससी कर्मियों द्वारा सर्वे का कार्य किया जा चुका है। इसे लेकर सीएससी जिला प्रबंधक योगेश कुमार गुप्ता और बृजकिशोर नामदेव जी एवं जिला प्रबंधक योगेश गुप्ता ने बताया कि शहडोल में भी गांव की सांस्कृतिक सूचना मोबाइल एप के जरिए कॉमन सर्विस सेंटर संचालकों द्वारा सर्वे किया जाना है। इसके लिए ग्राम स्तर पर सीएससी संचालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसे मेरा गांव- मेरी धरोहर नाम दिया गया है। इस योजना के तहत जिले के सभी ग्रामों के सीएससी संचालकों को ट्रेनिंग कराई जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत सीएससी कॉमन सर्विस सेंटर और केंद्रीय कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के साझा सहयोग से पहली बार यह कार्य किया जा रहा है।
फोटो,वीडियो सहित सारी जानकारी होगी अपलोड
उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक धरोहर मेरा गांव मेरी धरोहर सांस्कृतिक शब्द से सीधा मतलब है कि कोई ऐसी चीज, जिसमे कुछ विशेष हो या वह पुरानी हो, सरकार ऐसी सभी चीजों को इकट्ठा कर इन चीजों के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहती है। इसमें गांव के नागरिकों के सहयोग से गांव, ब्लॉक, जिले को विशेष बनाती है। इससे संबंधित फोटो, वीडियो और उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी भी अपलोड किए जाएंगे। उसको मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज किया जाना है।
साथ ही लेबर इंस्पेक्टर चरणा गुप्ता जी ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन , ई श्रम और आयुष्मान के बारे में भी जानकारी दी।
सवांददाता: कंचन साहू