जिले में विधानसभा चुनाव भाजपा व सपा के बीच ही हुआ। दोनों दलों के बीच ही लगभग 85 प्रतिशत से ज्यादा मतों का बंटवारा हुआ। बसपा व कांग्रेस ने इस बार अपना जनाधार जिले में खो दिया है। जिले में बसपा व कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है। यही नहीं बसपा व कांग्रेस के प्रत्याशी पांच से लेकर 10 प्रतिशत के जनाधार को भी तरस गए। वहीं, अन्य दलों का भी मतदान प्रतिशत न के बराबर रहा।
जिले में सात विधानसभा सीटें है। सात सीटों पर 72 प्रत्याशियों ने ताल ठोकी। पांच सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया और दो सीटों पर साइकिल दौड़ी। अन्य दलों का खाता भी नहीं खुल सका। यहीं नहीं बसपा व कांग्रेस अधिकतर सीटों पर लड़ाई में ही नहीं रहीं। भाजपा व सपा के प्रत्याशियों के बीच ही कांटे की टक्कर रही। इन्हीं दोनों दलों के बीच 85 प्रतिशत से ज्यादा मतों का बंटवारा हुआ। बचे 15 प्रतिशत मतों में बसपा, कांग्रेस व अन्य दल के साथ नोटा भी दबा। बसपा भी दलित को रिझाने में कामयाब नहीं रही। यही कारण रहा कि जिले में बसपा के प्रत्याशी लड़ाई से दूर रहे। किसी भी दल का कोई एजेंडा काम नहीं आया। जिले में सिर्फ भाजपा व सपा के बीच चुनाव टक्कर हुई। इससे अधिक फायदा भाजपा को हुआ। बसपा व कांग्रेस 10 प्रतिशत जनाधार के लिए भी तरसते रहे। जनाधार को वापस लाने के लिए दलों को संघर्ष करना पड़ेगा।
Report : Anil Maurya