यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच भारत सरकार युद्धग्रस्त इलाकों से भारतीयों को निकालने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चला रही है। यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय इस समय मदद की गुहार लगा रहे हैं। भारत अब तक 18000 छात्रों को यूक्रेन से निकाल भी चुका है। लगातार यूक्रेन से फ्लाइट भारत आ रही हैं, जिनमें वो भारतीय छात्र हैं जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। अन्य भारतीय छात्रों की तरह वैशाली यादव नाम की स्टूडेंट ने भी मदद की गुहार लगाई है, लेकिन शायद उनको पता नहीं था कि यही गुहार उनके लिए भारी पड़ जाएगी। दरअसल, वैशाली यादव उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के एक गांव की प्रधान भी हैं। ग्राम प्रधान के पद पर रहते हुए वह यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने चली गईं। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।
खबर है कि वैशाली यादव के मामले पर अब जिला प्रशासन ने रिपोर्ट तलब की है। कहा जा रहा है कि वैशाली जब यूक्रेन से वापस आएंगी तब उनके खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाएगी। वैशाली हरदोई जिले के सांडी विकास खंड की तेरा पुरसौली गांव की प्रधान हैं। दूसरी ओर वैशाली यादव ने वीडियो जारी कर खुद भी सफाई दी है। उन्होंने माना कि वह इस समय भारत में नहीं हैं बल्कि रोमानिया में हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि इस मामले पर राजनीति न की जाए।उन्होंने दावा किया कि उनके बारे में जो बातें कही जा रही हैं वे गलत हैं। वहीं, वैशाली यादव के पिता महेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी फ्लाइट रोमानिया से आनी थी लेकिन बर्फबारी के चलते ऐसा नहीं हो पाया है। वैशाली यादव के खिलाफ कार्रवाई के सवाल पर उनके पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने कोई फ्रॉड नहीं किया है। उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है जो उन्हें गिरफ्तार किया जाए।वैशाली पिछले साल पंचायत चुनाव के दौरान अपने गांव आई थीं और उन्होंने ग्राम प्रधान का चुनाव जीता। उनके पिता ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। वह समाजवादी पार्टी के नेता हैं। हरदोई जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष मीरा अग्रवाल ने बताया कि वैशाली प्रधान चुनी गई थीं, इस समय उनके पिताजी कामकाज संभाल रहे हैं। हरदोई की सीडीओ ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वैशाली यूक्रेन के खारकीव में मेडिकल की पढ़ाई करने गई हैं। इस मामले की जांच की जा रही है।