यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार की सुबह वोटिंग होनी है। इससे पहले उसी लखनऊ से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने मंगलवार की शाम सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की है।
इस मुलाकात के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। रीता जोशी ने मयंक के लिए भाजपा से लखनऊ कैंट से टिकट मांगा था। यहां तक कि अपनी सांसदी छोड़ने को भी तैयार हो गई थीं। इसके बाद भी मयंक को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था।
भाजपा से मयंक को टिकट नहीं देने के पीछे अपर्णा का सपा से बीजेपी में आना माना जा रहा था। लेकिन भाजपा ने अपर्णा को भी मौका नहीं दिया था। मयंक और अपर्णा की जगह भाजपा ने योगी सरकार में मंत्री बृजेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है। ब्राह्मण बहुल सीट से टिकट नहीं मिलने पर मयंक के सपा से उतरने की भी चर्चा थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका था।
पिछले दिनों रीता जोशी ने यह भी कहा था कि पार्टी ने टिकट से इनकार कर दिया है और अब मयंक जोशी स्वतंत्र हैं कि उन्हें क्या करना है। सपा ने इस सीट से 2017 में अपर्णा यादव को उतारा था, जो रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं।
बेटे को राजनीति में लाने के लिए रीता बहुगुणा जोशी ने लखनऊ कैंट से मयंक के लिए भाजपा से टिकट मांगा था। यहां तक कि उनका कहना था कि यदि परिवारवाद इसके आड़े आता है तो वह अपनी सांसदी से इस्तीफा देने को भी तैय़ार हैं। हालांकि भाजपा में उनकी बात नहीं सुनी गई और बृजेश पाठक को मौका दिया गया। दरअसल लखनऊ कैंट सीट को भाजपा के लिए मजबूत माना जाता रहा है। ऐसे में यहां टिकट के दावेदारों की हमेशा से लंबी कतार रही है।