विधानसभा चुनाव के प्रचारों पर मंगलवार को बड़ी ढील दी गई है। चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों पर पचास फीसद की सीमा भी अब हटा दी है। राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों की बैठकों, रैलियों, रोड शो पर अब पचास फीसद से ज्यादा लोग शामिल हो सकते हैं। आयोग ने एसडीएमए नियमों के अधीन और जिला अधिकारियों की पूर्व अनुमति के साथ रोड शो की भी अनुमति दी है। चुनाव प्रचार से संबंधित अन्य मौजूदा प्रावधान वैसे ही जारी रहेंगे। चुनाव आयोग ने देश में कोरोनो के मामलों में गिरावट को देखते हुए चुनावी राज्यों मणिपुर और उत्तर प्रदेश के चुनावी प्रचार को लेकर यह फैसला लिया है।
8 जनवरी को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए चुनाव आयोग ने कोरोनो मामलों में वृद्धि के कारण 15 जनवरी तक सभी फिजिकल रैलियों, रोड शो, जुलूस और वाहन रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
6 फरवरी को चुनाव आयोग ने इनडोर स्थानों में रैलियों या बैठकों के लिए 50 फीसद क्षमता सीमा और बाहरी स्थानों में 30 फीसद क्षमता सीमा तय की थी। साथ ही शारीरिक दूरी और कोरोना प्रोटाकाल के नियम का पालन करने को कहा गया था। हालांकि, इस दौरान आयोग ने रोड शो, जुलूस और वाहन रैलियों पर प्रतिबंध बरकरार रखा था।
बता दें कि उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को मतदान हुआ था, जबकि पंजाब में 20 फरवरी को मतदान हुआ था। उत्तर प्रदेश में तीन चरणों का मतदान 10 फरवरी, 14 फरवरी और 20 फरवरी को हुआ था। शेष चरणों का मतदान 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को होगा। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को मतदान होगा।