मुंबई बम विस्फोट कांड के गुनहगारों को सजा दिलाने में नाकाम रहे और अपने यहां आतंकियों को हर तरह की छूट देने वाले पाकिस्तान को समझौता एक्सप्रेस धमाके की 15वीं बरसी पर ‘न्याय’ की याद आई है। पाकिस्तान ने विस्फोट के षड्यंत्रकारियों को न्याय दिलाने में भारत सरकार की ‘नाकामी’ पर अपनी निराशा जताने के लिए शुक्रवार को यहां भारतीय मिशन के प्रभारी को विदेश मंत्रालय में तलब किया।
विदेश कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, भारतीय राजनयिक को उन पाकिस्तानी परिवारों की पीड़ा के प्रति भारत सरकार की कथित उदासीनता पर पाकिस्तान की निराशा से अवगत कराया गया, जो 15 साल बीतने के बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान ने भारत से निष्पक्ष सुनवाई करने और षड्यंत्रकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने की भी मांग की। 18 फरवरी, 2007 को हरियाणा के पानीपत में समझौता एक्सप्रेस में विस्फोट हुआ था, जिसमें 43 पाकिस्तानी व 10 भारतीय नागरिकों सहित 68 लोग मारे गए थे।
18 फरवरी 2007 को ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी। वह पानीपत से पहले दिवाना स्टेशन के पास पहुंची तो ट्रेन की दो जनरल बाेगियों में अचानक विस्फोट हुआ और उनमें आग लग गई। भीषण आग में 68 लोग जिंदा जल गए थे। काफी संख्या में यात्री झुलसे थे जिसमें अधिकांश पाकिस्तान के रहने वाले थे। 2001 के संसद हमले के बाद से बंद की गई ट्रेन सेवा को जनवरी 2004 में फिर से बहाल किया गया था।
20 फरवरी 2007 को पुलिस ने दो संदिग्धों के स्केच जारी किए। प्राप्त बयानों के अनुसार ये दोनों लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ। पुलिस ने संदिग्धों के बारे में जानकारी देने वालों को एक लाख रुपये का नक़द इनाम देने की भी घोषणा की थी। हरियाणा सरकार ने इस केस के लिए एक विशेष जांच दल का गठन कर दिया था। 15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी।