पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की खालिस्तान समर्थक प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फार जस्टिस से मदद लेने के मामले जांच होगी। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की थी। केंद्र सरकार ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और अमित शाह ने चन्नी को स्वयं पूरे मामले की गहराई से दिखवाने का भरोसा दिया है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को चरणजीत सिंह चन्नी ने गृहमंत्री को लिखे पत्र के साथ सिख फार जस्टिस के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से पंजाब में खालिस्तानी समर्थकों को लिखे गए एक पत्र की कापी भेजी है। पंजाबी में लिखे पत्र में पन्नू ने रविवार को होने वाले विधानसभा चुनाव के मतदान में आम आदमी पार्टी को वोट देने की अपील की गई है। पन्नू के अनुसार सिख फार जस्टिस लगातार आम आदमी पार्टी के संपर्क में है।
2017 के विधानसभा चुनाव में भी सिख फार जस्टिस ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था और इस बार भी समर्थन कर रहा है। चन्नी ने इसे देश की एकता और अखंडता के लिए अत्यंत गंभीर बताते हुए इसकी गहराई से जांच की मांग की थी। चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने पत्र में आम आदमी पार्टी के सह-संस्थापक कुमार विश्वास के उन आरोपों का भी हवाला दिया है, जिसमें कुमार विश्वास ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खालिस्तान ताकतों के साथ सीधे संबंध होने का आरोप लगाया गया है। चन्नी ने कुमार विश्वास के आरोपों को अत्यंत गंभीर बताते हुए उसकी भी गहराई से जांच की जरूरत बताई।
चन्नी के अनुसार अलगाववादी ताकतों की वजह से पहले ही बहुत नुकसान झेल चुके पंजाब के लिए यह बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। चरणजीत सिंह चन्नी के पत्र का तत्काल जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि ”भारत सरकार ने इसे अत्यंत गंभीरता से लिया है और मैं स्वयं इस मामले को गहराई से दिखवाउंगा।” शाह ने साफ कर दिया कि देश की एकता और अखंडता से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जाएगी। शाह ने इसे निंदनीय बताते हुए कहा कि ”सत्ता पाने के लिए ऐसे लोग अलगाववादियों से हाथ मिलाने से लेकर पंजाब और देश को तोड़ने की सीमा तक जा सकते हैं।” उनके अनुसार ”इस प्रकार के तत्वों का एजेंडा देश के दुश्मनों के एजेंडे से अलग नहीं है। ”