तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नीलामी के दौरान जब चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने उन पर 13 करोड़ रुपये खर्च कर दिये थे, तो वह वास्तव में चाहते थे कि बोली रुक जाए क्योंकि इससे मजबूत टीम तैयार करने में अड़चन आ सकती थी। सीएसके ने चाहर को 14 करोड़ रुपये में फिर से अपनी टीम से जोड़ा। वह आईपीएल नीलामी में सबसे बड़ी कीमत पर बिकने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। चाहर ने कहा कि वह चेन्नई सुपरकिंग्स के अलावा किसी अन्य टीम का हिस्सा बनने के बारे में नहीं सोच सकते हैं।
चाहर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘मैं सीएसके की तरफ से ही खेलना चाहता था क्योंकि मैंने पीली जर्सी (चेन्नई की पोशाक) के अलावा किसी अन्य जर्सी में खेलने की कल्पना तक नहीं की थी।’ उन्होंने कहा, ‘एक समय मुझे लगा कि यह (बोली की राशि) बहुत अधिक है। सीएसके का खिलाड़ी होने के कारण मैं यह भी चाहता था कि हम अच्छी टीम तैयार करें। इसलिए जब उन्होंने 13 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे तो मैं वास्तव में चाहता था कि बोली रुक जाए, ताकि मैं जल्द से जल्द सीएसके के खेमे में जा सकूं और इसके बाद हम बची धनराशि से कुछ अन्य खिलाड़ियों को खरीद सकें।’
अभी भारत की सीमित ओवरों की टीम के सदस्य चाहर ने कहा कि 2018 में उन्हें फ्रेंचाइजी के मालिक एन श्रीनिवासन ने कहा था कि ‘आप हमेशा पीली जर्सी में ही खेलोगे।’ इसके बाद उन्होंने कभी टीम मैनेजमेंट या कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से रिटेन करने को लेकर बात नहीं की। चाहर ने कहा, ‘मैंने इस बारे में कभी माही भाई (धोनी) या सीएसके मैनेजमेंट से बात नहीं की।’ उन्होंने कहा, ‘मैं 2018 में श्रीनिवासन सर से मिला और उन्होंने कहा कि आप हमेशा पीली जर्सी में खेलोगे। मैंने उनकी बातों पर विश्वास किया और इसके बाद कभी रिटेन करने को लेकर बात नहीं की। मैं जानता था कि सीएसके मेरे लिये बोली लगाएगा।’
चाहर ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज में भाग ले रहे भारतीय खिलाड़ियों की नजर भी नीलामी पर टिकी थी। उन्होंने कहा, ‘हम (भारतीय टी20 टीम) अहमदाबाद से कोलकाता की यात्रा कर रहे थे और पूरी टीम नीलामी देख रही थी। प्रत्येक कह रहा था कितना हो गया और ऐसी ही बातें चल रही थीं।’ 29 वर्षीय चाहर लगातार पांचवें सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलेंगे। फ्रेंचाइजी ने पहली बार 2018 में उन्हें 80 लाख रुपये में खरीदा था।