वाराणसी में सोमवार को नामांकन दाखिले के दौरान जबरदस्त गहमागहमी देखने को मिली। एक तरफ अपने बेटे अरविंद राजभर का नामांकन कराने ओमप्रकाश राजभर पहुंचे तो दूसरी तरफ उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के प्रत्याशी और कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने नामांकन किया।
इस दौरान भाजपा और सुभासपा के समर्थकों के बीच नोकझोंक और हंगामे का दौर चला। ओमप्रकाश राजभर ने अपने साथ बदसलूकी का आरोप लगाया। ओमप्रकाश ने इसे लेकर पुलिस पर भी कई आरोप लगाए।
सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोगों ने मुझसे अभद्रता का प्रयास किया। जान से मारने की धमकी दी। मेरा कॉलर पकड़ा गया। यह देखते हुए भी पुलिस मूकदर्शक खड़ी रही। मैं किसी तरह बचकर जिलाधिकारी कार्यालय कैम्पस से बाहर आया। इसमें जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त की संलिप्तता जाहिर हो रही है। पूर्व मंत्री ने निर्वाचन आयोग से जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त वाराणसी को तत्काल हटाते हुए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। साथ ही प्रत्याशी अरविन्द राजभर को समुचित सुरक्षा प्रदान देने की भी गुहार लगायी है। इस बारे में डीसीपी वरुणा आदित्य लांग्हे ने कहा कि वीडियो फुटेज की जांच में अभद्रता और कॉलर पकड़ने जैसी कोई बात नहीं दिखी है। दोनों पक्षों से नारेबाजी हुई थी, जिसे शांत करा दिया गया।
राजभर ने कहा कि नामांकन के दौरान जिस तरह का प्रदर्शन आज भाजपा ने किया है, यह उसकी हताशा और निराशा है। यह लोग मुझसे इतने बौखलाए हुए हैं कि किसी भी समय कोई घटना कर सकते हैं। चुनाव आयोग पर बरसते हुए राजभर ने कहा कि उनके प्रत्याशियों को सुरक्षा दिलाई जाए।
उन्होंने जिलाधिकारी को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी उनके दल के लोग नामांकन के लिए पहुंचे हैं, उन्हें सुरक्षा दिलाएं। राजभर ने कहा कि नामांकन स्थल पर सुरक्षा देना चुनाव आयोग का काम है। हम पुलिस से खुश नहीं हैं। इसकी शिकायत की जाएगी। राजभर ने कहा कि दस तारीख को काउंटिंग के साथ ही इनकी गर्मी शांत हो जाएगी।
सातवें चरण के चुनाव में नामांकन के पांचवें दिन सोमवार को काफी गहमागहमी है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बेटे अरविंद राजभर को शिवपुर सीट पर नामांकन कराने पहुंचे पूर्व मंत्री व सुभासपा का अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को देख अधिवक्ताओं ने जय श्रीराम के नारे लगाने लगे।