रायबरेली:पूर्णिमा के अवसर पर गंगा तट डलमऊ के विभिन्न स्नान घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

डलमऊ /रायबरेली : माझी मास की पूर्णिमा के अवसर पर गंगा तट डलमऊ के विभिन्न स्नान घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और गंगा तट के किनारे स्थित मंदिरों और  शिवालयों में जलाभिषेक करते हुए पूजा अर्चना की गई।
  संस्कृत महाविद्यालय बड़ा मट के स्वामी दिव्यानंद ने बताया कि महात्माओं और विष्णु के साथ मनुष्यों द्वारा एक माह का कल्पवास नहीं रहने के क्रम में आज भी संगम तट पर हजारों लोग माघ मास में पूरे 1 महीने कल्पवास का जीवन यापन करता है जिसमें सुबह और शाम स्नान करने के बाद दिन में एक बार ही भोजन किया जाता है और गैस होने के बावजूद भी पूरे कल्पवास के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। और कल्पवास के समापन पर गंगा स्नान करने के साथ अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने पर सभी पापों से मुक्ति मिलती है जिससे माघी पूर्णिमा में स्नान का विशेष महत्व होता है जिस के क्रम में आज गंगा तट डलमऊ के सड़क घाट किलाघाट रानी शिवाला घाट संकट मोचन घाट पक्का घाट पटवारी घाट आदि के साथ लगभग एक दर्जन स्नान घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई।

इसी क्रम में संस्कृत महाविद्यालय बड़ा मट के  22 में संत स्वामी बद्रीनारायण गिरी महाराज के पुण्य तिथि के अवसर पर स्वामी दिव्यानंद द्वारा ब्रह्मलीन स्वामी बद्री नारायण कीर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए पूजा अर्चना की गई और विशाल भंडारा आयोजित किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण करते हुए स्वामी देवेंद्र आनंद गिरि महाराज के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया इस मौके पर स्वामी दिव्यानंद राम चेतन गीतानंद आदि के साथ सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।