पीएम मोदी आइसीआरआइएसएटी के कार्यक्रम मे बोले- जलवायु परिवर्तन से निपटने में कारगर होगा ‘प्रो प्लैनेट पीपल मूवमेंट’, डिजिटल एग्रीकल्चर ही भविष्‍य

डिजिटल कृषि को देश का भविष्य बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने में प्रतिभाशाली युवा अहम भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी यहां पाटनचेरू में इंटरनेशनल क्राप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट फार द सेमी-एरिड ट्रापिक्स (आइसीआरआइएसएटी) की 50वीं वर्षगांठ समारोह को संबोधित कर रहे थे।

पीएम मोदी ने आइसीआरआइएसएटी और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) को शुष्क भूमि क्षेत्रों में डिजिटल कृषि के लिए उच्च उत्पादकता और जल प्रबंधन के लिए अपनी साझेदारी का विस्तार करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री मोदी आइसीआरआइएसएटी परिसर में कुछ देर तक घूमे भी। इस दौरान वह चने के खेत के पास पहुंचे तो सीधे खेत से चने की फली तोड़कर उसका स्वाद भी चखा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने फसल आकलन, भूमि रिकार्ड के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल और विभिन्न सेवाएं मुहैया कराने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) जैसे नवीनतम तकनीक के इस्तेमाल के प्रयास निरंतर बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार का विशेष ध्यान देश के उन 80 प्रतिशत से अधिक छोटे किसानों पर है और वह उन्हें हजारों कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) में संगठित करके एक जागरूक और बाजार की बड़ी ताकत बनाना चाहती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से देश के किसानों को बचाने के लिए सरकार का ध्यान बुनियाद की ओर लौटने और भविष्य की ओर बढ़ने के मिश्रण पर है। उन्होंने कहा कि ‘प्रो प्लेनेट पीपुल’ एक ऐसा आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हर व्यक्ति व समुदाय को जलवायु के प्रति जिम्मेदारी से जोड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार बजट में प्राकृतिक खेती और डिजिटल कृषि पर बहुत जोर दिया गया है

प्रधानमंत्री ने कहा- जैसे भारत ने अगले 25 सालों के लिए नए लक्ष्य बनाए हैं, उनपर काम करना शुरू कर दिया है वैसे ही अगले 25 साल ICRISAT के लिए भी उतने ही अहम है। आपके पास पांच दशकों का अनुभव है। इन दशकों में आपने भारत सहित दुनिया के एक बड़े हिस्से में कृषि क्षेत्र की मदद की है। 50 साल एक बहुत बड़ा समय होता है और इस 50 साल की यात्रा में जब जब जिस जिस ने जो जो योगदान दिया है, वे सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इस काम को आगे बढ़ाने के लिए जिन जिन लोगों नें प्रयास किया है, मैं उनका भी अभिनंदन करता हूं। ICRISAT की रिसर्च, आपकी टेक्नोलाजी ने मुश्किल परिस्थितियों में खेती को आसान बनाया है। आज ग्रह संरक्षण और जलवायु परिवर्तन अनुसंधान फेसिलिटी का भी उद्घाटन किया गया है। ये शोध सुविधाएं जलवायु परिवर्तन से निपटने के साथ ही कृषि क्षेत्र की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी

पीएम मोदी बोले- जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न प्राकृतिक आपदाएं एक बड़ी चुनौती रही हैं। यह मानव और बुनियादी ढांचे दोनों को प्रभावित करती हैं। भारत ने 2070 तक अपने शून्य कार्बन लक्ष्य की घोषणा की है। हमने प्रो प्लैनेट पीपल मूवमेंट का भी आह्वान किया है। यह ऐसा आंदोलन है जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है और प्रत्येक व्यक्ति को जलवायु से जोड़ता है।