राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था की सेहत में सुधार के लिहाज से बजट को संतुलित बताया है। जबकि उससे जुड़े स्वदेशी जागरण मंच के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी पर आयकर लगाने के बाद अब उसे प्रतिबंधित करने की दिशा में कदम उठाया जाना चाहिए।
संघ के वरिष्ठ नेता राम माधव ने मंगलवार को आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन की तैयारी की घोषणा और डिजिटल संपत्ति पर कर लगाने की व्यवस्था के साथ सरकार डिजिटल बजट लाई है। उन्होंने आरबीआइ द्वारा जल्द ही डिजिटल रुपया जारी करने की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा की भी जमकर सराहना की। उनका कहना है कि इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और करेंसी प्रबंधन के लिहाज से भी अच्छा फैसला है।
इसी तरह संघ से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने सरकार के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के बजाय घरेलू निवेश पर अधिक ध्यान देने की सराहना की है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि बजट भाषण में सीतारमण ने एफडीआइ पर जोर नहीं दिया। साथ ही सरकार ने अपनी तार्किक नीतियों के जरिये देश के निवेशकों का भला करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर आयकर लगाने का फैसला सराहनीय है लेकिन अब इस पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
बता दें कि बजट की घोषणा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया कि क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल करेंसी से कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। साथ ही वर्चुअल निवेश में घाटा होने पर भी सरकार की तरफ से टैक्स वसूला जाएगा। ऐसे में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जारी क्रेज घटेगा।